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बीकानेर। बीकानेर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक अहम फैसले में राज्य सरकार और पंचायत समिति को आवारा पशुओं की समस्या पर लापरवाही के लिए दोषी ठहराया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आवारा पशुओं को नियंत्रित करना प्रशासन की जिम्मेदारी थी, जिसमें विफलता के कारण एक निर्दोष व्यक्ति की जान गई। इस आधार पर, मृतक आसाराम सुथार के परिजनों को 33.22 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
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कोर्ट के फैसले के प्रमुख बिंदु :
सरकार और पंचायत समिति की लापरवाही : कोर्ट ने कहा कि आवारा पशुओं को गौशालाओं में रखना और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और पंचायत समिति की जिम्मेदारी थी, जो सही ढंग से नहीं निभाई गई।
आश्रितों के अधिकारों की रक्षा : मृतक की वार्षिक आय के आधार पर आश्रितों की आर्थिक स्थिति का आकलन किया गया, जिससे उन्हें न्याय दिलाने के लिए 33.22 लाख रुपए का मुआवजा निर्धारित किया गया।
प्रशासनिक जवाबदेही तय : यह फैसला प्रशासन के लिए एक नजीर बन सकता है, जिससे भविष्य में सरकार और स्थानीय निकाय अपनी जिम्मेदारी निभाने के प्रति अधिक गंभीर होंगे।
फैसले का व्यापक प्रभाव : यह फैसला सिर्फ एक परिवार को न्याय दिलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रशासन को उसकी जिम्मेदारी का अहसास कराता है। यदि स्थानीय प्रशासन अपनी भूमिका निभाने में विफल रहता है, तो ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई आगे भी जारी रह सकती है।
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