भीलवाड़ा। एक युवती पहले अपने परिवार को छोड़कर प्रेमीसंग अलग दुनिया बसाने के लिए निकल गई, कुछ समय उन्होंने साथ बिताया, इस बीच इनका बेटा पैदा हुआ। और अब इस कहानी का अंत यह रहा कि बच्चे को न तो पिता ने अपनाया और न मां ने, दोनों ने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंपकर वापस अपने छोड़े गए परिवार में जाने का फैसला किया। इस कहानी में दुखद पहलू यह रहा कि इसमें उस मासूम का क्या कसूर था, जिसे इस दुनिया में आए कुछ ही दिन हुए थे।
बालक को छोडने वाली मां ने कहा कि मैंने प्रेम विवाह किया था। उसके बाद मुझे यह लड़का हुआ था, लेकिन अब मेरे पति और मेरे बीच अनबन हो गई है। इसके कारण मैं वापस अपने परिवार में जा रही हूं और वहां पर इस बच्चे को नहीं ले जा सकती हूं। इसके कारण आज मैंने अपने दिल पर पत्थर रखकर कलेजे के टुकडे़ को बाल कल्याण समिति को सौंप रही हूं।
इस बारे में समिति की अध्यक्षा सुमन त्रिवेदी ने कहा कि समाज इन दोनों को स्वीकार नहीं कर रहा था। जिसके कारण आज दोनों ने एक-दूसरे से अलग होने की सोची। इसके कारण उन्होंने अपने बच्चे को समिति में सौंप दिया। अच्छी बात यह है कि इन्होंने बच्चे को लावरिस नहीं छोडा और समिति को सौंप दिया। हमने ने भी उनसे समझाइश का प्रयास किया लेकिन नहीं मान रहे हैं।
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