भीलवाड़ा। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 भीलवाड़ा ने एक आबकारी एक्ट में बने मुकदमें में अभियुक्त को मामलें से उन्मोचित कर दिया। अभियुक्त के अधिवक्ता एडवोकेट मुकेश सुवालका ने बताया कि थाना सुभाष नगर, भीलवाड़ा द्वारा 16.11 2023 को मय जाप्ता दिलीप सहल उप निरीक्षक सरकारी जीप में थाने से समय 11.39 पीएम पर रवाना हो गश्त प्राईवेट बस स्टेण्ड,मजदूर चोराहा से 17.11.2023 को समय करीब 12.05 एएम पर नारायणी माता सर्किल पहुचा जहां मुखबीर की सूचना पर सिंदरी के बालाजी पर रहने वाले अभियुक्त सफेद टीशर्ट काला लोअर पहनकर अपने घर के बारह सड़क पर बैठकर शराब बेच रहा था। उसके कब्जे से पुलिस ने 20 बोतले व देशी सादा शराब के 90 पव्वे बरामद किये। पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर चालान पेश किया। न्यायालय मंे अधिवक्ता सुवालका ने बताया कि एफआईआर के अनुसार प्रकरण में उल्लेखित समय 00.30 ए एम बजे व थाने पर सूचना समय 02.21 एएम दर्शाया गया है और सडक किनारे माल का बरामद होना बताया गया है जो कि रिपोर्ट व तथ्य मनगढ़त व अभियुक्त को जान बूझकर झूठे मुकदमे में फसाने के लिए दर्ज की गई है। पुलिस द्वारा एक बोलरो गाडी व एक अन्य जीप थार में सवार हो रात्रि के समय बिना वारण्ट क अवैध रूप से समय 11.30 पीएम के आस पास पुलिस वर्दी व सादा पौशाक में अभियुक्त के निवास गृह अभियुक्त की विधवा माता,पत्नी, भाई की पत्नी व पर जहां अदर भाई निवासरत थे,वहा प्रवेश किया। जबरन अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए अवैध रूप से मकान में घुसे व जबरदस्ती आभियुक्त का घर से उठाकर ले गए। जिसकी सीसीटीवी फुटेज अनुसार समय लगभग 11.32 पीएम दिनांक 16.11.2023 पत्रावली में प्रस्तुत है। उक्त सभी साक्ष्यों को व प्रार्थना पत्र पर न्यायालय द्वारा यह पाया गया कि अनुसंधान अधिकारी दिलीप सहल उप निरीक्षक के द्वारा अभियुक्त को 11.30 पीएम पर उसके घर से सरकारी वाहन में बैठाकर ले जाया गया है। ऐसे में उक्त तथ्य अनुसंधान अधिकारी द्वारा दी गई सम्पूर्ण पुलिस कार्यवाही के विपरीत है। चूकि अनुसंधान अधिकारी द्वारा प्रकरण में जो घटनाक्रम बताया गया है उससे पूर्व ही 11.30 पीएम पर अभियुक्त को अनुसंधान अधिकारी उसके घर से सरकारी वाहन में बैठाकर ले जा चुका था। इससे दिलीप सहल उप निरीक्षक थाना सुभाषनगर मय जाब्ता के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग स्पष्ट रूप से साबित करती है। अतः न्यायालय द्वारा विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए थे । उक्त प्रकरण में दौरान विभागीय कार्यवाही यह पाया गया है कि उक्त आदेश की पालना में दिलीप सहल व अन्य पुलिस जाप्ता के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही नियम 17 सीसीए प्रारंभ की गई। सम्पूर्ण जांच बयान गवाह व सीसीटीवी के फुटेज से 16.11.2023 की रात्रि समय 11.30 पीएम पर दिलीप सहल उप निरीक्षक थाना सुभाषनगर मय पुलिस जाप्ता अभियुक्त के घर में प्रवेश कर अभियुक्त को सरकारी जीप में बैठाकर थाने पर ले जाना प्रमाणित पाया गया है। न्यायालय में चार्ज बहस, बहस प्रसंज्ञान के दौरान अभियुक्त अधिवक्ता मुकेश सुवालका ने न्यायालय में पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजों व उपलब्ध साक्ष्यों के संबंध में न्यायालय को बताते हुए अभियुक्त को मामले से उन्मोचित करने के लिए बहस करी। न्यायालय ने इस संबंध में प्रस्तुत दस्तावेज सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया गया जिसे जाहिर था कि पुलिस द्वारा विकास सुवालका को उसके निवास स्थान पर 11.30 पीएम रात्रि को लाया गया था। सीसीटीवी में यह भी स्पष्ट है कि जब अभियुक्त को पुलिस द्वारा ले जाया जा रहा था, उस समय अभियुक्त के पास कुछ नहीं था। फिर भी मुकदमा बनाया जाकर अभियुक्त को प्लास्टिक कट्टे में 90 पव्वे जो 180 एमएल के थे व 20 बीयर की बोतल दर्शित कर झूठा प्रकरण दर्ज किया गया। अभियुक्त के विरूद्ध कोई प्रथम दृष्टया मामला आरोप लगाए जाने हेतु उसके पास से उक्त बोतलें बरामद की हो, ऐसा कोई दस्तावेज पत्रावली पर न्यायालय के समक्ष नहीं होने से न्यायालय ने अभियुक्त को उन्मोचित कर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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