भीलवाड़ा। जिले की आसीन्द पंचायत समिति ने एक अनूठी पहल करते हुए चारागाह बचाने की कवायद शुरू की है। इसके तहत अब सभी विभागों को 5-5 हैक्टयेर चारागाह जमीन दी जाएगी। इस भूमि को विभाग अपने-अपने तर्ज पर आधुनिक तकनीक से विकसित करेगें। वहां होने वाले कार्य किसानों को भी सिखाए जाएंगे। जिससे किसान अन्य चारागाह भूमि पर यह प्रयोग करके उसे भी उपयोगी बना सकेगें। इसे लेकर शुक्रवार को बारानी अनुसंधान केन्द्र में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आसीन्द पंचायत समिति के विकास अधिकारी गोपाल लाल टेलर ने कहा कि आसीन्द पंचायत समिति पिछले दो दशक से अकाल की मार झेल रही है और इससे चारागाह भूमि नष्ट हो चुकी हैं। ऐसे में पशु व पक्षियों के सामने संकट आ खडा हुआ है। आसीन्द प्रधान लक्ष्मी देवी साहू की पहल पर क्षेत्र की मारवों का खेडा ग्राम पंचायत क्षेत्र में 500 बीघा चारागाह भूमि को विकसित किया जा रहा है। जिसमें कृषि विभाग, भीलवाड़ा डेयरी, आयुर्वेद विभाग, बारानी अनुसंघान केन्द्र व कई निजी कम्पनियों को 5-5 हैक्टयेर चारागाह भूमि गोद दी जाएगी। इनके द्वारा भूमि पर औषधी पौधे, मिल्क पार्लर, बायोगैस के साथ ही कई अन्य प्रयोग किए जाएंगे।
टेलर ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की जलस्वावलम्बन योजना के भी कार्य किए जाएंगे। जिससे यहां के वाटर लेवल में भी सुधार होगा। इस मौके पर कार्यवाहक जिला कलेक्टर गजेन्द्र सिंह राठौड, जिला स्तरीय अधिकारी सहित समाजसेवी कन्हैया लाल साहू भी मौजूद रहें।
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