भीलवाड़ा। लोकसभा आम चुनाव-2024 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक,डिजिटल एवं सोशल मीडिया विज्ञापनों का अधिप्रमाणन आवश्यक है तथा मतदान दिवस एवं उसके पूर्व दिवस (25 एवं 26 अप्रैल) को प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापनों का भी अधिप्रमाणन जरूरी रहेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) नमित मेहता ने बताया कि राजनैतिक विज्ञापनों के अधिप्रमाणन के लिए जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,डिजिटल एवं सोशल मीडिया के राजनैतिक विज्ञापनों का प्रसारण अधिप्रमाणन के बाद ही किया जा सकेगा।
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चुनाव के दौरान ई- पेपर में प्रकाशित विज्ञापनों, बल्क एसएमएस, सोशल मीडिया, वेब पोर्टल एवं मोबाइल वैन पर प्रसारित होने वाली विज्ञापन सामग्री का भी अधिप्रमाणन आवश्यक होगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के प्रमाणीकरण के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को आवेदन करना होगा। राजनैतिक दलों को विज्ञापन अधिप्रमाणन के लिए निर्धारित प्रपत्र में राज्य स्तर पर अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में बनी विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति के समक्ष आवेदन करना होगा। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनैतिक दलों को विज्ञापन प्रसारण की तिथि से कम से कम 3 दिन पूर्व तथा अन्य दलों को विज्ञापन प्रसारण से 7 दिन पूर्व आवेदन करना होगा।
भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के अभ्यर्थियों को इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल व सोशल मीडिया में विज्ञापनों के प्रमाणीकरण हेतु ऑडियो/वीडियो के साथ रिटर्निंग अधिकारी की अध्यक्षता में गठित विज्ञापन अधिप्रमाणन समिति में आवेदन करना होगा। कमेटी 48 घंटे में आवेदन का निस्तारण करेगी। आवेदक को अनुलग्नक-अ में आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि आवेदक को विज्ञापन अधिप्रमाणन हेतु प्रस्तुत किए जाने वाले आवेदन में विज्ञापन की दो कॉपी और प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट,आवेदित विज्ञापन के निर्माण एवं प्रसारण की लागत बतानी होगी। यह बताना होगा कि विज्ञापन की समस्त लागत का भुगतान चेक या ड्राफ्ट के माध्यम से किया गया है।
समिति द्वारा दिए गए सुझावों को प्रत्याशी द्वारा आगामी 24 घंटे में विज्ञापन में परिवर्धन कर पुनः समिति के समक्ष रखना होगा। कमेटी अनुलग्नक-ब में प्रमाण पत्र जारी करेगी। उन्होंने बताया कि पेड न्यूज मॉनीटरिंग एवं विज्ञापन अधिप्रमाणन के लिए प्रकोष्ठ का संचालन विधिवत रूप से जिला निर्वाचन कार्यालय के कक्ष 112 में किया जा रहा है। आवेदक विज्ञापन अधिप्रमाणन के लिए आवेदन कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट एवं भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, विज्ञापन प्रसारण में केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के प्रावधानों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। इसके अनुसार, किसी भी केबल ऑपरेटर को ऐसे किसी भी विज्ञापन को प्रसारित या पुनः प्रसारित करने से प्रतिबंधित किया जाता है, जो कि निर्धारित कार्यक्रम कोड और विज्ञापन कोड के अनुरूप नहीं है तथा जिनसे धर्म, नस्ल, भाषा, जाति या समुदाय या किसी भी अन्य आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने की संभावना है अथवा जिससे धर्म, नस्लीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के बीच वैमनस्य या शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावना बढ़ने या जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना हो। केबल सेवा में दिया गया कोई भी विज्ञापन इस प्रकार डिजाइन किया जाए कि वह देश के कानूनों के अनुरूप हो और उपभोक्ता की नैतिकता, शालीनता और धार्मिक संवेदनशीलता को ठेस न पहुंचाए।
जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय प्रमाणन समिति (अतिरिक्त/संयुक्त सीईओ स्तरीय समिति) दोनों के निर्णय के विरुद्ध राज्य के सीईओ की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय एमसीएमसी में अपील की जा सकती है। केवल भारत का सर्वोच्च न्यायालय, पूर्व प्रमाणन पर राज्य स्तरीय एमसीएमसी के आदेश के विरुद्ध अपील पर विचार कर सकता है। चुनाव के दौरान प्रमाणन चाहने वाले सभी उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों को ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने विज्ञापन में आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पालन करें।
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