भीलवाड़ा। होमगार्ड विभाग के अधिकारियों और स्थायी रूप से जमे हुए प्रभारीयों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हाल के महीनों में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है कि अस्थायी सेवा के बावजूद जोरावर सिंह, बालु सिंह और महेंद्र सिंह जैसे होमगार्ड लगातार नगर निगम की अतिक्रमण शाखा, महात्मा गांधी हॉस्पिटल और नगर विकास न्यास में स्थायी रूप से तैनात हैं। नियमानुसार होमगार्ड की ड्यूटी एक महीने के लिए होती है, जिसके बाद उन्हें ब्रेक मिलना चाहिए, लेकिन ये प्रभारी पूरे साल लगातार सेवाएं दे रहे हैं। इस पर विभागीय अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खासकर, जोरावर सिंह पर व्यापारियों और कॉम्प्लेक्स मालिकों से अवैध वसूली के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि वह उच्च अधिकारियों के लिए वसूली का काम करता है। वहीं, बालु सिंह पर अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों से अभद्रता के आरोप भी लगे हैं। इसके बावजूद, नगर निगम और हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा इन शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह संदेह पैदा करता है कि होमगार्ड विभाग और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कोई अनैतिक समझौता तो नहीं हो रहा है, जो इन प्रभारीयों को लंबे समय तक इन पदों पर टिकाए हुए है।
सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इनकी स्थायी नियुक्तियों के पीछे कौन से कारण हैं और क्यों इन अधिकारियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
भारत ने बांग्लादेश को 133 रनों से रौंदा, टी-20 सीरीज 3-0 से क्लीन स्वीप किया
जब झारखंड के सीएम ने रावण को 'कुलगुरु' बता पुतला दहन से कर दिया था इनकार
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या
Daily Horoscope