भीलवाड़ा। राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लि., द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के तहत स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गरीब अनुसूचित जाति के आशार्थियों को बैंको के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराये जायेंगे।
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अनुजा निगम के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि यह ऋण किसी भी व्यवसाय जैसे कृषि एवं मृदा संरक्षण में बीज, पौधे, उर्वरक, कीटनाशक आदि का वितरण, शहद मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण, फल और सब्जियां उगाने, छोटी नर्सरी, बीज फार्म, दुधारू मवेशियों और डेयरी फार्मिंग के लिए सहायता, मुर्गी पालन के लिए सहायता, बकरी, भेड़ के लिए सहायता, मछली पालन, हथकरघा और कपड़ा उद्योग, विनिर्माण ईकाईयां, चमड़ा ईकाईयां, फर्नीचर ईकाईयां, मुद्रण, ईंट बनाने की ईकाईयां, रबर ईकाईयां, पेंट और कोटिंग ईकाईयां, रेडीमेड वस्त्र ईकाईयां, खुदरा दुकानें, किराना एवं शोरूम, रत्न एवं आभूषण ईकाईयां, इलेक्ट्रोनिक्स ईकाईयां, बेकरी ईकाईयां, बूटीक, ब्यूटी पार्लर, नलसाजी ईकाईयां, ऑटो, ऑटोमोबाईल मरम्मत ईकाईयां, मीडिया और मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल, कपडे धोने के साबुन व पाउडर बनाना, स्टेशनरी की दुकान, फोटोग्राफी, होजरी की दुकान, ऑटो मेकेनिक, बिजली के सामान, कम्प्यूटर कार्य, मोबाइल दुकान इत्यादि किसी भी कार्य हेतु दिया जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित पंचायत समिति एवं शहरी क्षेत्र में नगरपरिषद/नगरपालिका एवं अनुजा निगम कार्यालय, में सम्पर्क कर सकतें है। योजना की इकाई लागत का 50 प्रतिशत या रूपये 50 हजार जो भी कम हों अनुदान स्वरूप दिया जाता है।
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