भरतपुर। स्थानीय टीटागढ़ बैगन फेक्ट्री में एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में पूरी फैक्ट्री के कमर्चारी और मृतक के परिजन फैक्ट्री पर जमा हो गए। सभी की मांग थी कि मृतक को आर्थिक सहायता दी जाए। काफी बातचीत के बाद मृतक के परिजनों और फैक्ट्री प्रशासन में 21 लाख रुपए मुआवजा और 15 हजार रुपए महीने देने पर सहमति बनी। मृतक योगेश 6 बहनों का इकलौता भाई था। 2 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी।
योगेश के पिता देवी सिंह ने बताया कि 5 महीने पहले ही उनका बेटा योगेश (25) टीटागढ़ बैगन फैक्ट्री में हेल्पर के पद पर लगा था। कल उसकी नाईट ड्यूटी थी। वह रात को ड्यूटी पर आया था। उन्हें सुबह 4 बजे पता लगा कि योगेश की करंट लगने से मौत हो गई है। फैक्ट्री में मौजूद उसके साथियों ने बताया कि जब वह काम कर रहा था तो अचानक वह बिजली तार के संपर्क में आ गया और उसकी करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
योगेश की मौत के बाद फैक्ट्री प्रशासन ने योगेश के शव को रात को ही आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था। जिसके बाद योगेश के परिजन और फैक्ट्री के मजदूर फैक्ट्री के बाहर जमा हो गए। वह योगेश के परिवार को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग करने लगे। सुबह से टीटागढ़ फैक्ट्री के प्रशासन और योगेश के परिजनों की वार्ता चल रही थी।
इसके बाद दोनों में बात बनी कि फैक्ट्री प्रशासन योगेश के परिजनों को 21 लाख रुपए मुआवजा और 15 हजार रुपए पेंशन के रूप में दिया करेगा।
योगेश के पिता ने बताया कि योगेश की 2 साल पहले ही शादी हुई थी। उसके पास कोई बच्चा नहीं था। वह उनका इकलौता बेटा था। उससे बड़ी 5 बहनें थे और एक उसकी छोटी बहन थी। योगेश की सभी बहनों की शादी हो चुकी थी। वह भरतपुर के सूरजपोल चौराहे पर रहता था।
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