रूपवास। कोरोनाकाल में प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर बेलनेस व कोरनटाइन सेंटरों पर गर्म भोजन, चाय, नाश्ता आदि की व्यवस्था करने वाले ठेकेदार को 4 साल बाद भी आज तक भुगतान नहीं किया गया है। उक्त भुगतान करीब 3 लाख बत्तीस हजार रुपये है।
पीडित मुकेश कुमार ने अधिकारियों के कार्यालयों के सैकड़ों चक्कर लगा दिए।
हारकर पीड़ित ने एसडीएम से लेकर जिला प्रशासन, एसीबी कार्यालय व मुख्यमंत्री तक को अपनी व्यथा से अवगत करा दिया। लेकिन बिलों का भुगतान नही होने के कारण अपनी मेहनत मजदूरी व माल की कीमत के लिए भटकना पड़ रहा है।
दौरदा निवासी मुकेश कुमार को उपखण्ड के प्रशासनिक अधिकारियों ने आदेश देकर कोविड-19 कोरोना काल में वेलनेस-सेन्टर, क्वारेनटाईन सेन्टरों पर भर्ती मरीजों के लिए भोजन, पानी, चाय नाश्ता की व्यवस्था करने का कार्य दिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जिस पर पीडित मुकेश शर्मा ने अपनी जमा पूंजी लगाकर अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए कोरोना के मरीजो व बाहर से आने वाले लोगो को भोजन, पानी चाय, नाश्ता तय- रेट पर उपलब्ध कराया था। लेकिन वर्ष 2020 से आज तक पीडित को 3,32,520/-रुपये का भुगतान नहीं किया गया है।
पीडित ने वर्ष 2020 से ही जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन को कई बार लिखित व मीखिक रूप से गुहार लगा दी है। लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नही है।
पीडित एंव उसका परिवार भुगतान नहीं होने से आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका है। पीडित ने कोरोना महामारी में अपनी व अपने परिजनों की जान जोखिम में डालकर कार्य किया था। लेकिन सरकार व प्रशासन भुगतान करने में ना नुकर कर रहा है। पीड़ित भुगतान के लिए भटक रहा है।
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