भरतपुर। भरतपुर में सैनी, शाक्य, कुशवाहा, मौर्य, माली समाज का 12 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण की मांग को लेकर हाईवे जाम 10वें दिन भी जारी है। बीती रात को प्रशासन ने मृतक आंदोलनकारी मोहन सिंह सैनी के शव को परिजनों को सौंपा। भारी पुलिस फोर्स के साथ शव को गांव लेकर पहुंचे, जहां पर उसका 12 बजे के आसपास दाह संस्कार कराया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भरतपुर जिले में रविवार को 10वें दिन भी जयपुर आगरा नेशनल हाईवे पर गांव अरोदा के पास चक्का जाम और धरना प्रदर्शन जारी है। आरक्षण की मांग पर सुसाइड करने वाले आंदोलनकारी मोहन सिंह सैनी के शव का शुक्रवार देर रात को ही पोस्टमार्टम पुलिस प्रशासन ने परिजनों की मौजूदगी में करा दिया था, लेकिन उसकी डेड बॉडी को परिजनों को नहीं सौंपी। प्रशासन को डर था कि कहीं डेड बॉडी को लेकर परिजन आंदोलन स्थल पर न ले जाएं। इसलिए डेड बॉडी प्रशासन ने नहीं दी। डेड बॉडी प्रशासन के लिए 2 दिन तक गले की फांस बनी रही। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शनिवार को परिजनों और प्रतिनिधिमंडल सहित जिला कलेक्टर एसपी और आईजी के बीच वार्ता होती रही, लेकिन वार्ता सफल नहीं हो सकी। प्रशासन अड़ा रहा की डेड बॉडी दे देंगे, लेकिन पहले हाईवे खाली करो। आंदोलनकारी इस पर सहमत नहीं हुए।
उधर, परिजन डेड बॉडी को घर ले जाने के लिए बार-बार प्रशासन से गुहार लगा रहे थे। देर रात नेशनल हाईवे पर स्थित अंजली होटल पर प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता हुई, आईजी गौरव श्रीवास्तव वार्ता में शामिल रहे। प्रशासन ने निर्णय लेते हुए रात 10 बजे मृतक की डेड बॉडी परिजनों को सौंप दी और भारी पुलिस फोर्स के साथ उसके गांव गंधार लेकर पहुंचे। जहां पर ग्रामीणों की मौजूदगी में प्रशासन ने मृतक मोहन सिंह सैनी का अंतिम संस्कार करवा दिया।
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