भारतपुर । पूर्व सांसद तथा वरिष्ठतम समाजवादी विचारक की पत्नी श्रीमती कृष्णा देवी, 96, का शुक्रवार शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें भरतपुर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्होंने शरीर त्याग दिया, उनके पुत्र अनिल शर्मा ने बताया। अनिल ही उन्हें अस्पताल ले गए थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
श्रीमती कृष्णा देवी ने अपने पति की तरह आजादी की लड़ाई में पाकिस्तान वाले इलाकों और दिल्ली में प्रभात फेरी निकाली थी।
इस 29 अप्रैल की संपत्ति ने अपने शादी की 75 साल पूरे किए थी।
उनके 4 पुत्र, 2 बेटियां और पौत्र, पौत्री हैं।
पति पंडित रामकिशन ने उनके साहस की कुछ घटनाएं बताई। जब पंडित जी आपातकाल में जेल में थे तो उस समय के मुख्यमंत्री हरदेव जोशी ने मेरी पत्नी से आग्रह किया की वो मेरी रिहाई की प्रार्थना करें। लेकिन मेरी पत्नी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया ये कहकर को स्वतंत्रता सेनानी जेल से छूटने की भीख नहीं मांगते।
उस समय मेरी मां की तबियत बहुत खराब थी, पंडितजी ने कहा।
इसी तरह कृष्ण जी के बड़े भाई रूद्रद्दत्त शास्त्री ने उनसे आग्रह किया की शास्त्रीय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मुझे छोड़ने का आग्रह कर सकतें हैं। ये प्रस्ताव भी मेरी पत्नी ने ठुकरा दिया।
कृष्णा शास्त्री जी के साथ पाकिस्तान में पढ़ी थीं और आजादी की लड़ाई में प्रभात फेरी निकलती थीं। शास्त्री जी भी स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्हें देश निकाला देकर हरिद्वार से पंजाब भेज दिया था।
शास्त्री जी के साथ ही कृष्णा जी का मिलना इंदिरा जी हुआ था। शास्त्री जी नेहरू परिवार से नजदीक थे।
कृष्णा जी के पिता विष्णुदत्त शास्त्री एक धर्म गुरु थे और प्रगतिशील विचारों के लिए उन्हें एक बार कन्या भ्रूण हत्या के विरोध के कारण समाज का कोप भी झेलना पड़ा था।
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