भरतपुर। समृद्ध भारत अभियान के तत्वावधान में खंडेलवाल धर्मशाला में आयोजित पंचतत्व चिकित्सा शिविर का शनिवार को शुभारंभ हुआ। पहले दिन विभिन्न बीमारियों से ग्रसित 108 रोगियों का उपचार किया गया। रविवार को भी शिविर प्रातः 10 बजे से जारी रहेगा।
पंचतत्व चिकित्सा विशेषज्ञ आचार्य ब्रज मणि ने रोगियों का उपचार शुरू करने से पूर्व उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि पंचतत्व चिकित्सा पद्धति हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों की देन है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी चिकित्सा पद्धतियों के प्रभाव में आकर हमने अपनी परंपरागत पद्धतियों को भुला दिया है, जिसके कारण आज हमारा शरीर विभिन्न बीमारियों का घर बनता जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने हड्डियों की मजबूती के लिए चूल्हे की राख का उपयोग करने जैसे सरल उपायों पर जोर दिया।
समृद्ध भारत अभियान के निदेशक सीताराम गुप्ता ने कहा कि पंचतत्व चिकित्सा पद्धति वैज्ञानिक और प्रभावी है। अब तक इस पद्धति से 90,000 से अधिक रोगियों का उपचार किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि भरतपुर में यह पहला शिविर है, और इसे नियमित रूप से आयोजित करने की योजना है।
पहले दिन शिविर में कमर दर्द, जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, पेट में जलन, अनिद्रा और थायराइड जैसी समस्याओं से ग्रसित रोगियों का उपचार किया गया। आचार्य ब्रज मणि और उनकी टीम ने पंचतत्व संतुलन के माध्यम से रोगियों को राहत प्रदान की।
इस अवसर पर लटुरिया वाले हनुमान मंदिर के महंत मणिरामदास, हेमराज गोयल, प्रेमसिंह कुंतल, सतीश मित्तल, केदारनाथ पाराशर, हरीशंकर मुस्सदी, अखिलेश सारस्वत, सीडीपीओ महेंद्र अवस्थी, समाजसेविका त्रिवेणी गुप्ता, पुनीत गुप्ता, अनिल गर्ग, विष्णु मित्तल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। शिविर के आयोजकों ने आश्वासन दिया कि पंचतत्व चिकित्सा शिविरों का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा, ताकि आमजन को सस्ती और प्रभावी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। - खासखबर नेटवर्क
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