भरतपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ द्वारा 26 सितंबर को मध्याह्न 2:00 बजे कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर बड़ा विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री/मुख्य सचिव के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सोपा जाएगा।
केंद्र सरकार कर्मचारियों को पेंशन के नाम पर एनपीएस से मिलती-जुलती यूपीएस स्कीम को थोपना चाहती है।
जिला अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार वन नेशन, वन इलेक्शन की तर्ज पर वन नेशन, वन पेंशन की नीति पर चलते हुए पुरानी पेंशन योजना को अविलंब लागू करे। यदि यूपीएस स्कीम के तहत पेंशन इतनी अच्छी है तो विधायक व सांसद भी पुरानी पेंशन स्कीम को त्याग कर यूपीएस स्कीम की एक ही पेंशन, जो भी ज्यादा हो लेना शुरू करें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट को 1 सितंबर को लागू करने की घोषणा विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा की गई, लेकिन अभी तक घोषणा को क्रियान्वित कर लागू नहीं की गई।
वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उसकी सिफारिशों को राज्य सरकार अविलंब लागू करे। राज्य सरकार ने भी पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर अपनी राय जाहिर नहीं की है। इससे समस्त राज्य कर्मचारी आशंकित हैं।
ज्ञापन में कर्मचारियों की विभिन्न मांगों PFRDA बिल को निरस्त कराने, वेतन विसंगति दूर कराने, आठवें वेतन आयोग का गठन कराने, रोके हुए डीए का भुगतान कराने, राज्य सरकार से पूर्व में किए गए समझौते लागू कराने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण करने, 9 -18 -27 के स्थान पर 7 -14 -21 -28 का चयनित वेतनमान का लाभ दिलाने, सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर 26 सितंबर को मध्यान्ह 2:00 बजे कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर कडा विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री मुख्य सचिव एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। विरोध प्रदर्शन में महासंघ के समस्त पदाधिकारी, शिक्षक व कर्मचारी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
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