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भरतपुर। महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस के अवसर पर बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह के तहत भव्य शौर्य यात्रा का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने न केवल महाराजा सूरजमल के शौर्य और बलिदान की याद दिलाई, बल्कि भरतपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर किया।
शौर्य यात्रा की शुरुआत महाराजा सूरजमल चौराहे से हुई, जो मुख्य बाजार से गुजरते हुए किला स्थित महाराजा सूरजमल स्मारक किशोरी महल पर समाप्त हुई। एडीएम सिटी राहुल सैनी ने गुब्बारे छोड़कर यात्रा को हरी झंडी दिखाई। यात्रा में भरतपुर की बम्ब पार्टी, विभिन्न पारंपरिक नृत्य, और सैकड़ों महिलाओं का कलश यात्रा में शामिल होना मुख्य आकर्षण रहा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शौर्य यात्रा में राजस्थान के अलग-अलग जिलों के कलाकारों ने अपनी परंपरागत कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया। कच्छी घोड़ी नृत्य और कालबेलिया कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीता। यह आयोजन भरतपुर के समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को एक बार फिर से जीवंत करने का माध्यम बना।
यात्रा के समापन पर जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव, डीग-कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेष सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने महाराजा सूरजमल के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डॉ. शैलेष सिंह ने कहा, "महाराजा सूरजमल का जीवन हमें 36 कौमों को साथ लेकर चलने और समर्पण की प्रेरणा देता है। उनकी अद्वितीय वीरता और नेतृत्व हमेशा याद किए जाएंगे।"
किशोरी महल में एक विशेष सैंड आर्ट प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें महाराजा सूरजमल के जीवन और उनकी उपलब्धियों को उकेरा गया। यह प्रदर्शनी यात्रा में शामिल लोगों के लिए एक अनूठा अनुभव साबित हुई।
महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस पर आयोजित यह शौर्य यात्रा न केवल भरतपुरवासियों के लिए एक गर्व का अवसर बना, बल्कि यह नई पीढ़ी के लिए इतिहास, संस्कृति और परंपरा से जुड़ने का माध्यम भी बनी।
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