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भरतपुर। जिले के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान सड़क दुर्घटना में घायल महिला की मौत हो गई। घटना के बाद अस्पताल में हंगामा हो गया। मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
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परिजनों का कहना है कि महिला तीन दिन से अस्पताल में भर्ती थी। जब भी चिकित्सकों से उसकी तबीयत के बारे में पूछा जाता तो हर बार यही जवाब मिलता कि मरीज की हालत ठीक है। शुक्रवार को अचानक उन्हें बताया गया कि महिला की मौत हो गई है। परिजनों ने आरोप लगाया कि यदि डॉक्टरों ने समय पर सही जानकारी दी होती तो वे महिला को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर ले जा सकते थे।
मृतका हेमा के पिता रमेश चंद ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी हेमा और दामाद हरिओम को गांव धोरमुई से ससुराल झंडीपुरा, फरह के लिए विदा किया था। रास्ते में रारह के पास अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में हेमा गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मृतका के पति हरिओम ने भी आरोप लगाया कि चिकित्सक लगातार यह कहकर गुमराह करते रहे कि हेमा की हालत में सुधार है। यदि डॉक्टर मरीज की गंभीर स्थिति के बारे में सही जानकारी देते तो समय रहते उसे बड़े अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता था।
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाइश दी। इसके बाद मृतका के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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