भरतपुर। भारतीय सेना के आर्म्ड कोर की 1 हॉर्स यूनिट में तैनात सूबेदार सोनदर सिंह का ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया। 20 दिसंबर को उनकी रिटायरमेंट की तारीख थी, लेकिन उससे 8 दिन पहले ही देश ने अपना एक और वीर सपूत खो दिया। शनिवार को भरतपुर के सुभाष नगर स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। इस मौके पर सूबेदार के 10 वर्षीय बेटे आदित्य ने अपने पिता को मुखाग्नि दी, जिसे देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ड्यूटी पर हार्ट अटैक, अस्पताल में तोड़ा दम
सूबेदार जितेंद्र सिंह के अनुसार सूबेदार सोनदर सिंह पटियाला में 38 तारापुर गेट पर तैनात थे। 12 दिसंबर की शाम करीब 8 बजे ड्यूटी के दौरान उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द उठा। उन्हें तुरंत आर्मी अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत कुछ बेहतर हुई। हालांकि, उन्हें यूनिट लौटाते समय फिर से सीने में दर्द शुरू हो गया। अस्पताल वापस ले जाते समय उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया और रात 10 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।
रिटायरमेंट से पहले परिवार को मिली यह दुखद खबर
20 दिसंबर को सूबेदार सोनदर सिंह की सेवानिवृत्ति थी। उनके रिटायरमेंट की तैयारी पूरे परिवार में चल रही थी, लेकिन अचानक उनके निधन की खबर से घर में मातम पसर गया। पूरा इलाका भी इस दुखद घटना से स्तब्ध है।
गमगीन परिवार और भावुक माहौल
सूबेदार सोनदर सिंह भरतपुर के सुभाष नगर इलाके में रहते थे। उनके परिवार में पत्नी, 10 वर्षीय बेटा आदित्य और 16 वर्षीय बेटी अनुष्का हैं। आदित्य पांचवीं कक्षा का छात्र है और बेटी अनुष्का 11वीं कक्षा में पढ़ती है। उनका छोटा भाई मौनेन्द्र सिंह भारतीय वायुसेना में कार्यरत है और वर्तमान में शिलॉन्ग में तैनात है।
सूबेदार सोनदर सिंह के पिता राम नगीना भी भारतीय सेना में कार्यरत थे। परिवार की तीसरी पीढ़ी तक सेना की सेवा का गौरव जुड़ा है, लेकिन इस दुखद घटना ने परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
शनिवार को सुबह 10 बजे भरतपुर के सुभाष नगर श्मशान घाट पर सूबेदार सोनदर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। सेना अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जब 10 वर्षीय आदित्य ने पिता को मुखाग्नि दी, तो वहां मौजूद लोग खुद को रोक नहीं पाए। माहौल गमगीन हो गया और हर आंख नम हो गई।
"सूबेदार सोनदर सिंह का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा"
सूबेदार सोनदर सिंह का पूरा जीवन सेना और देश की सेवा में समर्पित रहा। उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। इस मुश्किल घड़ी में स्थानीय लोग और सेना परिवार उनके परिवार को संबल देने की कोशिश कर रहे हैं।
इस घटना के बाद लोगों ने सरकार से सूबेदार सोनदर सिंह के परिवार को हर संभव मदद देने की मांग की है। उनकी पत्नी और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए ताकि उनका जीवन कठिनाइयों से दूर रहे।
"सेना के इस वीर सपूत की यादें और उनका बलिदान हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। भगवान उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे।"
हरे निशान पर खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 23,200 स्तर से ऊपर
गृह मंत्रालय ने ईडी को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बम को सुरक्षाबलों ने किया निष्क्रिय
Daily Horoscope