भरतपुर। शहर में सांड एवं बंदरों के कारण आमजन दुखी हैं। सांडों के कारण हाल ही एक बालक की मौत भी हो चुकी है, लेकिन नगर निगम ने अभी तक इन्हें शहर से हटाने की कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि शहर की सांड सहित पानी, बिजली एवं अन्य समस्याओं का समाधान एक सप्ताह में नहीं किया तो आंदोलन कर अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह बात सर्वजातीय महापंचायत के संयोजक गिरधारी तिवारी ने गुरुवार को पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि विभागीय अफसरों के गैर जिम्मेदाराना रवैये का खमियाजा आमजन भोग रहा है। दो मई को आए बंवडर के बाद बिजली-पानी जैसी मूलभूत जरूरतों से आमजन कैसा जूझा, इससे आप सभी पूरी तरह वाकिफ हैं। जलदाय विभाग ने प्राकृतिक बवडंर के बाद टेंकरों से जलापूर्ति करने का दावा किया था, लेकिन इस दौरान कितने टैंकर किस-किस इलाके में भेजे गए। इसका अभी तक खुलासा नहीं किया है। लोगों ने बीच राह में पड़े पेड़ों को खुद हटाकर रास्ता बनाया और वे आज भी जस की तस पड़े हैं। शहर में बीच बाजार, प्रमुख चौराहों पर आए दिन सांड लोगों पर हमला कर रहे हैं। दो दिन पहले ही एक बच्चे की मौत हो गई। अभी तक कई लोग घायल हो चुके हैं, लेकिन नगर निगम इस दिशा में जानबूझकर अनजान बना बैठा है। इस अवसर पर पूर्व पार्षद शैलेष कौशिक, श्यामसुन्दर गौड, कुलदीप जघीना, राकेश खौंखर सहित अनेक प्रमुख लोग मौजूद थे।
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