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भरतपुर। महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. रमेश चंद्र को भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्तियों के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। संभागीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए, जिसके बाद राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने यह निर्णय लिया। राज्य सरकार ने हालही बदलाव कर यूनिवर्सिटी के कुलपित या वाइस चांसलर को कुलगुरु नाम दिया है।
भरतपुर के प्रतिष्ठित महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में प्रशासनिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते कुलगुरु प्रो. रमेश चंद्र को निलंबित कर दिया गया है। संभागीय आयुक्त भरतपुर की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि कुलपति ने विश्वविद्यालय में नियुक्तियों के दौरान अवैध प्रक्रियाओं को अपनाया और वित्तीय अनियमितताएँ कीं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
छात्र संगठनों ने इन अनियमितताओं के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन किया और राज्यपाल को कई शिकायतें भेजीं। 1 जनवरी 2025 को संभागीय आयुक्त को मामले की जांच के आदेश दिए गए थे, जिसकी रिपोर्ट 18 मार्च को प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि कुलपति द्वारा नियमों की अनदेखी कर नियुक्तियाँ की गईं और विश्वविद्यालय प्रशासन में भ्रष्टाचार की शिकायतें सत्य पाई गईं।
इससे पहले, डीग स्थित विश्वविद्यालय परिसर में एक पूर्व छात्र नितेश चौधरी और प्रो. रमेश चंद्र के बीच विवाद हुआ था, जिसमें एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
प्रो. रमेश चंद्र को 8 मार्च 2023 को कुलपति नियुक्त किया गया था, लेकिन उनके कार्यकाल में बार-बार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे। छात्र संगठनों के लगातार विरोध और शिकायतों के चलते राज्यपाल ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
फिलहाल, इस मामले की विस्तृत जांच जारी है और एक विशेष समिति इस पर आगे की कार्रवाई तय करेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन पर उठे सवालों को लेकर शिक्षा विभाग भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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