भरतपुर। बयाना उपखंड के ग्राम पंचायत बीरमपुरा में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जो देश के ग्रामीण क्षेत्रों की दुर्दशा को उजागर करती है। नगला बीजा में 24 वर्षीय पूजा की अचानक मृत्यु के बाद उसके परिवार को भारी बारिश के बीच शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। श्मशान घाट में टीन शेड की अनुपस्थिति के कारण बारिश से बचाव के लिए तिरपाल का सहारा लेना पड़ा, जो मानवता के प्रति एक गंभीर उपेक्षा को दर्शाता है।
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डॉ. नरेश चौधरी के अनुसार, पूजा की मृत्यु के बाद परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि श्मशान में टीन शेड नहीं था और लगातार हो रही बारिश के बीच अंतिम संस्कार करना असंभव सा हो गया था। आखिरकार, तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा, जो एक शर्मनाक स्थिति है और ग्रामीण क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं की गंभीर कमी को उजागर करती है।
यह मामला तब और भी चिंताजनक हो जाता है जब यह पता चलता है कि ग्राम पंचायत द्वारा श्मशान घाट के विकास के लिए लाखों रुपये की राशि पहले ही स्वीकृत हो चुकी है, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ग्रामीणों ने कई बार ग्राम विकास अधिकारी को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। अब ग्रामीण सांसदों और विधायकों से अपील कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी शर्मनाक स्थिति फिर से न हो, और श्मशान घाट के विकास के लिए ठोस प्रयास किए जाएं ताकि बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
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