भरतपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गुरूवार को गंगापुरसिटी के सार्वजनिक निर्माण विभाग के खण्ड कार्यालय से 2006-07 में बामनवास से पिलोदा सड़क निर्माण में बिटूमन डामर व इमलशन के फर्जी वाउचर पेश कर इंजिनियरों की मिलीभगत से 74 लाख का भुगतान उठाने के मामले में एसीबी के एएसपी सरजीत द्वारा की गई जांच में दोषी पाये जाने पर डबल ए क्लास काॅन्ट्रेक्टर योगेन्द्र कुमार खण्डेलवाल को गिरफ्तार किया है इस मामले में इन्जिनियरों की गिरफ्तारी होने की संभावना जताई जा रही है। जिससे इन्जिनियरों में भगदड मच गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसीबी के एसीबी भरतपुर रेंज के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक सरजीत सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी गंगापुर सिटी डिवीजन में हुए इस मामले में एसीबी जयपुर में भ्रष्टाचार किये जाने को लेकर मामला दर्ज हुआ था। जिसकी जांच उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भरतपुर एसीबी के द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि 2006 -07 में बामनबास से पिलोदा तक बनी सड़क में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया। जिसमें डामर व इमलशन का प्रयोग भी नहीं कर कमजोर सड़क बनाई गई।
इस मामले में ठेकेदार गंगापुर निवासी योगेन्द्र खण्डेलवाल द्वारा 24 बिल इमलशन के फर्जी पेश किये जिन्है इन्जिनियरों के सहयोग से पास करा 74 लाख रूपये का भुगतान उठा लिया गया। इस मामले में 18 जनों की मिली भगत बताई जा रही है। जिसमें इन्जिनियर बाबू एवं क्वालिटी कन्ट्रोल के अधिकारी भी शामिल है। इस मामले की जांच के बाद ठेकेदर योगेन्द्र खण्डेलवाल को गिरफ्तार कर एसीबी कोर्ट में पेश किया गयां। जहां उसे दो दिन की रिमाण्ड पर लिया है। ठेकेदार से पूछताछ कर इस मामले में और जांच आंकडे जुटाये जा रहे हैं।
बताया जाता है कि ठेकेदार को 2011 में जयपुर एसीबी में दर्ज हुए इस मामले की जांच के बाद जयपुर बुलाया गया और भरतपुर में पूछताछ के बाद ठेकेदार योगेन्द्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।
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