बाड़मेर। सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना स्मार्ट विलेज को लेकर स्थानीय काॅन्फ्रेंस हाॅल में अहम कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला कलक्टर एम शिवप्रसाद मदान की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में विभिन्न गांवों के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान परियोजना निदेशक अरुण सुराणा ने कहा कि हर काम सरकार के बूते संभव नहीं है। इसके लिए समाज के सक्षम लोगों के साथ एनजीओ को भी आगे आना होगा और गांवों के विकास को लेकर पहल करनी होगी। गांधी जी के ग्राम स्वराज का आधुनिक रूप स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट है। बापू ने कहा था कि जब गांव समृद्ध होंगे, तभी देश का विकास होगा। कार्यशाला को संबोधित करते हुए बाड़मेर जिला कलक्टर एम शिवप्रसाद मदान ने कहा कि सकारात्मक सोच रखने वाले इंसान के लिए हर मंजिल आसान होती है। परन्तु इसके लिए कठिन परिश्रम, सटीक योजना और प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ में शामिल होने का जज्बा आवश्यक है। स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट जिले के गांव की दशा व दिशा को बदल कर रख देगा। जिससे चहुंमुखी विकास के एक नए युग का सूत्रपात होगा। स्मार्ट विलेज के लक्ष्य को प्राप्त करने में जनप्रतिनिधियों और सरपंचों को महत्वपूर्ण रोल अदा करना होगा। बाड़मेर जिले के 16 और जैसलमेर की 2 ग्राम पंचायतों से निर्वाचित मुखियाओं से संवाद स्थापित करना और उन्हें सम्मानित करना उक्त दिशा में ठोस पहल है। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम एल नेहरा ने कहा कि स्मार्ट विलेज पर ग्राम पंचायतों की ओर से कार्य प्रारंभ करने के चार वर्षों के बाद प्रतिस्पद्र्धा के माध्यम से चुने गए स्मार्ट गांव इतने सशक्त होंगे कि स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट को भी आर्थिक रूप से मदद देने में सक्षम होंगे। कार्यशाला में जिले के विभिन्न इलाकों से आए जनप्रतिनिधियों ने भी अपने विचार प्रकट किए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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