इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर से एक पुरानी कथा
जुडी है जिसके अनुसार राजस्थान के किराडू गांव में एक साधू रहता था। ये भी पढ़ें - ये हैं चुडैलों के गांव, तस्वीरें देख दंग रह जाएंगे आप
एक समय
वो कुछ काम से बाहर गया तो उस साधू के सारे शिष्यों का स्वास्थ्य खराब हो
गया। उस समय उसके शिष्यों की देखभाल किसी ने नहीं की। किराडू में एक
कुम्हारिन रहती थी। उस कुम्हारिन ने उन बीमार शिष्यों की देखभाल की।
जब
साधू वापस आया तो उसे ये सब जानकार बेहद गुस्सा आया। गुस्से में साधु ने
कहा कि जिस स्थान पर दया भाव ही नहीं है वहां मानवजाति को भी नहीं होना
चाहिए।
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