बारां। नहरी किसान संघर्ष समिति की बैठक शुक्रवार को कृशि उपज मंडी
स्थित किसान भवन में संयोजक रामेश्वर मीणा की अध्यक्षता में हुई। अध्यक्ष
पवन यादव ने बताया कि बैठक में पदाधिकारियों ने महत्वाकांक्षी परवन वृहद
परियोजना व क्षेत्र के योजनाओं से होने वाले जल बंटवारे व वितरण प्रणाली को
लेकर जलसंधान विभाग झालावाड़ के एईएन कृष्ण सुंदर यादव व रामलखन मीणा से
चर्चा की। जिस पर दोनों अधिकारियों ने आधा दर्जन से अधिक बिंदुओं पर सहमति
दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इनमें प्रमुख रूप से तुलसां लिफ्ट के पानी को अब अडानी मायथा व गोरडी
ननावता से नहीं रोक पाएगा। इसमें 16 घनमीटर पानी वन्य जीवों के लिए
प्रवाहित किया जाएगा। इससे तुलसां लिफ्ट को भी पानी मिलेगा। अध्यक्ष यादव
ने बताया कि अब 3600 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन करने वाले उद्यागों को
पानी नहीं दिया जाएगा। पहले फेज के 313 गांवों को फव्वारा पद्धति से सिंचाई
मिलेगी। बैठक में सिंचाई अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार को नहरों के
टेंडर स्वीकृति के लिए भेजे गये है। जिनकी षीघ्र स्वीकृति के लिए सरकार से
मांग की गई है। दांई मुख्य नहर 96.40 में 1612.7 क्यूसेक पानी प्रवाहित
होगा। जो मांगरोल के भटवाड़ा तक पहुंचेगा। इसी तरह दांई मुख्य नहर से 58
किमी तक 12 क्यूसेक प्रवाहित होगाा।नहरें सभी फसलों के समय को ध्यान में
रखते हुए 90 दिन तक चलेगी।
दूसरे फेज के सांगोद, दीगोद, किशनगंज क्षेत्र के
गांवों को लिया गया है। अध्यक्ष पवन यादव ने बताया कि बैठक में सभी
पदाधिकारी विभागीय कार्यवाही से संतुष्ट थे। बैठक को महासचिव कैलाश दाधीच,
श्रीराम मालव, बराना सरपंच योगेष मीणा, एमएल यादव विजयपुर, प्रवक्ता रमेश शर्मा, संगठन मंत्री हेमराज मीणा, महामंत्री ललित नागर, कृष्णचंद नंदवाना,
छात्र नेता मुरली भड़सुई व बद्रीलाल नागर ने संबोधित किया। बैठक में
तुलसीराम मीणा, बाबूलाल मीणा, दीनदयाल नागर, बाबूलाल नागर, सुरेश नागर आदि
मौजूद थे
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