जनतंत्र में वोट की कीमत अनमोल होती है। और कोई भी इसे गंवाना नहीं
चाहता। हर प्रत्याशी यही चाहता है कि वोट उसे ही मिले, चाहे उसके लिए उसे
कुछ भी करना पड़ा। इसलिए चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा हर तरीके अपनाए जाते
हैं। बाद में भले वोट मिलने के बाद ढोक देना तो दूर की बात प्रत्याशी
मतदाता को पहचान कर भी अनदेखा कर जाता है। राजनीति का पहला पायदान माने
जाने वाले छात्र संघ चुनाव में ही जब प्रत्यशियों कि यह हालत है तो बड़े
चुनावो में तो ना जाने क्या क्या तस्वीरे उभरकर सामने आएगी। ये भी पढ़ें - यहां मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, मां की अप्रसन्नता पर पानी हो जाता है लाल
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