बारां। भारत सरकार के नीति आयोग से जिले के प्रभारी यदुवेन्द्र माथुर ने कहा कि नीति आयोग द्वारा महत्वाकांक्षी जिलों के लिए निर्धारित इंडीकेटर्स पर संबंधित विभागों को टीमवर्क व समन्वय से कार्य करते हुए लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहिए।
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माथुर शनिवार को मिनी सचिवालय सभागार में नीति आयोग द्वारा चिह्नित महत्वाकांक्षी बारां जिले द्वारा लक्ष्यों की प्रगति के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि नीति आयोग द्वारा राजस्थान के 5 जिलों को एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट (महत्वाकांक्षी जिले) के रूप में चयन किया गया है जिसमें बारां जिला भी शामिल है, जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास आदि क्षेत्रों में नीति आयोग द्वारा निर्धारित 81 इंडिकेटर्स के अनुरूप कार्य करते हुए ऑनलाईन पोर्टल पर प्रगति रिपोर्ट भेजी जाती है लेकिन जिले में कुछ इंडिकेटर्स के तहत अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं होने पर जिले की रेंकिंग प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग द्वारा सम्पूर्ण देश से 117 जिलों को महत्वाकांक्षी जिले के रूप में चयनित कर विकास के विभिन्न पेरामीटर्स पर काम किया जा रहा है इससे ये जिले अग्रणी जिलों के समकक्ष आ सकेंगे।
बैठक में माथुर ने कहा कि संवेदनशील व सकारात्मक भाव से टीम भावना से कार्य करेंगे तो रूपान्तरण अवश्य होगा और बेहतर परिणाम भी प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि बारां जिले में शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट उत्कर्ष के नवाचार को सराहना मिली है इसी प्रकार जिले में कृषि, डेयरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि क्षेत्रों में नवाचार के माध्यम से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जाने चाहिए। इस मौके पर ग्राम स्वराज अभियान के तहत जिले के चयनित 294 गांवों में लोक कल्याणकारी के निर्धारित लक्ष्य के तहत हुए कार्य की समीक्षा की गई।
बैंकर्स ने बताया कि जिले में चयनित गांवों में पीएम जनधन योजना के खाते खोलने व पीएम सुरक्षा बीमा योजना के तहत शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है, इस कार्य में राजीविका व स्वयं सहायता समूहों की सहायता लेने के निर्देश दिए गए। जिले में सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन, उन्नत योजना के तहत एलईडी बल्ब का वितरण, उज्जवला योजना के तहत घरेलू गैस कनेक्शन, मिशन इन्द्रधनुष के तहत टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने, विद्यालयों में बच्चों को ड्रॉपआउट होने से रोकने, कृषि के क्षेत्र में नवाचार, कृषकों की आय बढ़ाने, जिले में सब्जी उत्पादन को बढ़ाने, डेयरी उद्योग के लिए वातावरण व आधारभूत सुविधाएं तैयार करने आदि के संबंध मंे विस्तृत चर्चा कर निर्देश दिए गए।
जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह ने जिले में नीति आयोग के पेरामीटर्स के अनुरूप विद्यालयों में साप्ताहिक टेस्ट के नवाचार की जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर में सुधार हेतु सम्मिलित प्रयासों की आवश्यकता है, विद्यालयों से बच्चे ड्रॉपआउट न हो, शिक्षकों को आवश्यकता मूलक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, विद्यालयों में बालिकाओं के लिए पृथक शौचालय हों, विद्युत की व्यवस्था हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कृषि विभाग माईक्रो इरिगेशन, स्प्रिंक्लर व ड्रीप सिंचाई को प्रोत्साहन दें। फार्म पॉण्ड बनवाएं, गुणवत्तापूर्ण बीज का वितरण किया जाना चाहिए।
इस मौके पर नीति आयोग से जिले के प्रभारी माथुर ने पिरामल ट्रस्ट के प्रतिनिधियों से जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में माध्यम से किए जा रहे कार्य एवं नवाचार के संबंध में विस्तृत जानकारी लेते हुए निर्देश दिए। उन्होंने आईटीसी के प्रतिनिधियों को कृषि के क्षेत्र में नवाचार, डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने एवं किसान की आय में वृद्धि के संबंध में रोडमेप तैयार कर कार्य करने हेतु निर्देशित किया।
इस अवसर पर सीईओ जिला परिषद भवानीशंकर पालावत समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
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