बारां । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि
पर्यावरण के साथ-साथ हमारे आस-पास रहने वाले जीवों का संरक्षण करना तथा उनके प्रति दया और करूणा का भाव रखना मानव समाज का
अहम दायित्व है। पशु-पक्षियों के प्रति हमारी संवेदना व चेतना ही समाज की
चेतना को अभिव्यक्त करती है। इस अस्पताल और मोबाइल ट्रोमा सेंटर में बीमार तथा घायल पशु-पक्षियों को तत्काल उपचार मिल सकेगा।
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गहलोत ने मंगलवार को बारां जिले के ग्राम बडां में श्री महावीर गौशाला कल्याण संस्थान द्वारा निर्मित श्री महावीर निःशुल्क पशु-पक्षी अस्पताल और
मोबाइल ट्रोमा सेन्टर का
शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति संरक्षण हमारी बुनियादी जरूरत है। पर्यावरण की
इस धरोहर को आने वाली पीढ़ियों को
सुरक्षित सौंपना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोकार्पण पट्टिका का अनावरण तथा फीता काटकर अस्पताल का शुभारम्भ किया। उन्होंने अस्पताल की
सुविधाओं तथा अत्याधुनिक चिकित्सकीय मशीनों का अवलोकन किया तथा अस्पताल परिसर में गौ-पूजन किया। इस
दौरान उपस्थित जनसमूह ने
जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री बडां बालाजी तीर्थ स्थल में श्री महावीर गौषाला कल्याण संस्थान द्वारा पंडित प्रभु नागर के सान्निध्य में चल रहे श्रीमद् भागवत गंगा महोत्सव एवं गौरक्षा सम्मेलन में सम्मिलित हुए।
पशु-पक्षी अस्पताल एक अनूठी पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि
यहां पशु-पक्षियों के
लिए आउटडोर-इनडोर सहित सम्पूर्ण उपचार की
सुविधाएं हैं। प्रदेश में पहली बार पशु-पक्षियों के लिए अत्याधुनिक मशीनों के साथ सुविधाएं स्थापित कर अनूठी पहल की गई है। यहां पशु-पक्षियों का ऑपरेशन, इलाज, आई.सी.यू. वार्ड तथा एम्बुलेंस की सुविधा भी
उपलब्ध है। उन्होंने दानदाताओं, गौशाला प्रबंधकों तथा पशु प्रेमियों से
आह्वान किया कि वे
आगे आकर अधिक से
अधिक गौशाला व नंदीशाला खोलने में राज्य सरकार का सहयोग करें।
जीव संरक्षण की
भावना के अनुरूप कार्य कर
रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि
राज्य सरकार जीव संरक्षण एवं पशु प्रेम की भावना के
अनुरूप कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा गौवंश संरक्षण के लिए निदेशालय की स्थापना की
गई थी। इसे अब
विभाग का रूप दिया गया है। सरकार द्वारा नंदीशाला की
स्थापना के लिए लगभग 1.56 करोड़ रुपए तथा गौशाला की
स्थापना के लिए लगभग 1 करोड़ रुपए की सहायता दी
जा रही है। चारे की बढ़ती हुई दरों को देखते हुए गौशालाओं की
मांग पर 6 माह के
स्थान पर 9 माह का
अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गौ-संवर्धन के लिए गत 4 वर्षों में 2500 करोड़ रुपए तक की सहायता गौशालाओं को दी
जा चुकी है।
गहलोत ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में भी गौवंश तथा पशु संपदा के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। लम्पी रोग से
दुधारू गौवंश की मृत्यु पर प्रति गाय 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना के तहत प्रति परिवार 2 दुधारू पशुओं के लिए 40-40 हजार रुपए का बीमा करवाया जाएगा। इस
पर 750 करोड़ रुपये का व्यय होगा, जिससे 20 लाख से अधिक पशुपालक लाभान्वित होंगे। इसके अलावा पशुओं के निःशुल्क टीकाकरण तथा गौशालाओं एवं नंदीशालाओं के
लिए 1100 करोड़ रुपए से अधिक का
प्रावधान बजट में किया गया है।
श्रीमद् भागवत कथा को सुनना अद्भुत अनुभव
गहलोत ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने का
अनुभव अद्भुत है। इससे मन में शांति तथा आध्यात्मिक आस्था बढ़ती है और
सत्य के मार्ग पर
चलने का सन्देश मिलता है। साथ ही, श्रीमद् भागवत कथा के प्रेरक प्रसंगों से सामाजिक समरसता बढ़ती है। इस
अवसर पर उन्होंने अस्पताल के निर्माण में सहयोग देने वाले दानदाताओं तथा भामाशाहों का सम्मान किया।
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