बारां। पल पल मौत का साया, मौत के साये में बैठकर पढ़ने को मजबूर भारत का भविष्य, हर पल मौत का डर सताता है। जिला स्तर पर विद्यालय का यह हाल तो ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों का क्या हाल होगा यह सवाल कौंधता है? जर्जर भवन में पढ़ने की मजबूरी के अलावा खुले में शौच भी मजबूरी है बच्चों की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ये हालात हैं शहर के बीचों बीच कुंज विहार काॅलोनी में विगत कई वर्षों से राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय के।
शहर के बीचों बीच कुंज विहार काॅलोनी में विगत कई वर्षों से राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय संचालित है, जहां पर विद्यालय में लगभग 4 दर्जन नौनिहाल छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वहीं 4 अध्यापक (3 अध्यापक व एक अध्यापिका) देश के नोनिहालों को शिक्षा देकर भविष्य संवारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अध्यापकों व बच्चों को यहां पल पल मौत का डर सताता रहता है।
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