बारां। शहर के तेल फैक्ट्री नाकोड़ा रोड स्थित शिव मंदिर के पीछे चल रही संगीतमय श्रीमद् भगवत कथा में बुधवार को भगवान ऋषभदेव एवं भरत चरित्र का वर्णन किया। कथा वाचक गोवत्स प्रवीणकृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान ऋषभदेव ने अपने 9 पुत्रों को अपने पास बुलाकर उन्हें उपदेश दिया। इसमें उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति में यदि परिजन भी बाधा बन जाए, तो उन्हें भी त्याग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऋषभदेव के उपदेश का उनके पुत्रों पर प्रभाव यह पड़ा कि उनके नौ पुत्र भी सन्यासी हो गए। शास्त्री ने कहा कि हमें भी नित्य भगवान के भजन करना चाहिए। जो जितनी ज्यादा भक्ति करेगा, उसे उतना ही फल मिलेगा। भगवान की भक्ति मे बड़ी शक्ति होती है। इससे हमारे बिगड़े काम स्वत: ही बनते चले जाते हैं और बाधाएं दूर हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि सभी को प्रात:काल सूर्य को अघ्र्य देना चाहिए।
कथा प्रसंगों के बीच भजनों की धुनों पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। कथा आयोजक सतीश कुमार शर्मा व पार्षद गौरव शर्मा ने बताया कि कथा में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की तादात बढ़ती जा रही है। कथा शुरुआत से पूर्व कथाव्यास शास्त्री का आयोजकों की ओर से माल्यार्पण कर स्वागत किया गया और इसके बाद व्यासपीठ का पूजन किया।
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