- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी -
बांसवाड़ा। यदि सृष्टि के रहस्य जानने हों तो कौशिक ऋषि की आराधना करें। कौशिक ऋषि से ही कौशिक गौत्र है. कौशिक गौत्र की कुल देवी विघ्नेश्वरी देवी हैं, जिनका मंदिर गुजरात के पाटण जिले के कोटावड में है, जहा हर वर्ष हवन, प्रसाद पाटोत्सव होता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कौशिक गौत्र के प्रवर....त्रि-प्रवर, विश्वामित्र, औदल्य, देवरात, वेद- ऋग्वेद, शाखा-अश्वलायनी, अटक- व्यास, जोशी, दवे, पंड्या, शिव- सोमेश्वर, देवी विघ्नेश्वरी, गणपति- महोदर, भैरव- असितांग, शर्मा- विष्णु, नदी- सरस्वती हैं।
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