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बालोतरा में फर्जी सिम गिरोह का भंडाफोड़ : 15 हजार फर्जी सिम कार्ड किए जारी, गंभीर अपराधों में हो रहा इस्तेमाल

Fake SIM card racket busted in Balotra: 15,000 fake SIM cards issued, used for serious crimes - Balotra News in Hindi

बालोतरा। जिले में सक्रिय एक बड़े फर्जी सिम कार्ड गिरोह का खुलासा करते हुए बालोतरा पुलिस और साइबर टीम ने संयुक्त कार्रवाई में एक बड़ी सफलता हासिल की है। जांच में सामने आया है कि शहर से अब तक करीब 15 हजार फर्जी सिम कार्ड जारी किए गए, जिनका उपयोग साइबर अपराध, तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों में किया जा रहा था। तीन मास्टरमाइंड सहित आधा दर्जन से अधिक गिरफ्तार पुलिस ने इस गिरोह के तीन मुख्य सरगनाओं (मास्टरमाइंड) समेत छह से अधिक आरोपियों को हिरासत में लिया है। इनके पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, फर्जी दस्तावेज़ और बड़ी संख्या में सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।
एसपी रमेश और एएसपी गोपाल सिंह भाटी ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह नेटवर्क न केवल बालोतरा में बल्कि राजस्थान के कई जिलों और पड़ोसी राज्यों तक फैला हुआ था।
15 हजार फर्जी सिमों का नेटवर्क, पुलिस मुख्यालय स्तर पर 50 हजार से अधिक बरामद
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अब तक बालोतरा शहर से करीब 15 हजार फर्जी सिम कार्ड जारी किए गए। वहीं, राज्य पुलिस मुख्यालय स्तर पर 50 हजार से अधिक फर्जी सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।इन सिमों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड, कॉल सेंटर ठगी, हवाला लेनदेन, मादक पदार्थों की तस्करी और फर्जी पहचान निर्माण में किया जा रहा था।
कैसे चल रहा था फर्जी सिम का कारोबार
पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य स्थानीय दुकानों और एजेंटों के जरिए फर्जी आधार कार्ड व फोटो की मदद से नए सिम एक्टिवेट कर रहे थे। कई बार असली ग्राहकों के दस्तावेज़ों की क्लोनिंग कर फर्जी सिम बनाए जाते थे, ताकि वास्तविक पहचान छिपाई जा सके।
एक आरोपी मोबाइल डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में काम कर रहा था, जबकि दूसरा तकनीकी सपोर्ट देता था। ये लोग सिम एक्टिवेशन प्रक्रिया को हैक कर KYC सत्यापन को दरकिनार करते थे।
साइबर क्राइम में हो रहा था दुरुपयोग
इन फर्जी सिमों का इस्तेमाल मुख्य रूप से ऑनलाइन ठगी, फिशिंग कॉल, फर्जी OTP वेरिफिकेशन, और अवैध बैंकिंग लेनदेन के लिए किया जा रहा था।पुलिस को शक है कि इस नेटवर्क का संपर्क अंतरराज्यीय साइबर गैंग से भी हो सकता है, जिसकी जांच अब राज्य साइबर शाखा के जरिए की जा रही है।
तकनीकी जांच में जुटी पुलिस
एसपी रमेश ने बताया कि सभी जब्त मोबाइल और लैपटॉप को डिजिटल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि फर्जी सिम कार्ड किन राज्यों में भेजे गए और किन-किन ऑनलाइन ठगी मामलों में इनका प्रयोग हुआ।
एएसपी गोपाल सिंह भाटी ने कहा, “यह कार्रवाई केवल बालोतरा तक सीमित नहीं रहेगी। जिन जिलों से इस गिरोह के तार जुड़े हैं, वहां भी सघन जांच की जा रही है।”
अंतरराज्यीय गिरोह की ओर बढ़ रही जांच
प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्हें राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा से फर्जी KYC डेटा मिल रहा था। पुलिस अब उन स्रोतों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है जिन्होंने इन्हें यह डेटा उपलब्ध कराया।
स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के लिए चेतावनी
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को अपने दस्तावेज़ सिम एक्टिवेशन या मोबाइल ट्रांजेक्शन के लिए न दें। साथ ही मोबाइल दुकानदारों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना पूर्ण KYC और फिंगरप्रिंट सत्यापन के कोई भी सिम जारी न करें।

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Web Title-Fake SIM card racket busted in Balotra: 15,000 fake SIM cards issued, used for serious crimes
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