• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना आरजीएचएस को कौन लगा रहा है पलीता?

Who is destroying the Chief Minister ambitious plan RGHS - Alwar News in Hindi

-नीति गोपेंद्र भट्ट-
नई दिल्ली/अलवर।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सेवानिवृत पर्यवेक्षक एवं लाईजन सुपरिंटेंडेंट सतीश तिवाड़ी ने केंद्र सरकार की सीजीएचएस की तर्ज़ पर राजस्थान में शुरू की गई आरजीएचएस योजना में फिर से मेडिकल डायरी का प्रचलन लागू करने के विभागीय निर्णय पर पुनः विचार कर इस पर सक्षम स्तर से रोक लगाए जाने की माँग की है।
उन्होंने कहा कि मैडिकल डायरी का फिर से पंगा शुरू होने से सबसे अधिक पेंशनर्स ही प्रभावित होंगे।विशेष कर वृद्ध तथा बीमार पेंशनर्स और उनके परिजनों को धक्के खाने पड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बहुत ही नेक नियति एवं शुद्ध अंतर्मन से प्रदेश में सीजीएचएस की तर्ज़ पर आरजी एचएस योजना शुरू की है. जिसका लाभ लाखों पेंशनर्स के साथ सरकारी कर्मचारी एवं उनके परिवारजन ले रहे है। यह योजना पूर्णतया केशलेस तो है ही, साथ में पेपरलेस भी है।लाभार्थी को इससे बहुत सुविधा एवं राहत मिली है। देश में राजस्थान ऐसी योजना लागू करने वाला पहला प्रदेश है।

तिवाड़ी ने कहा कि मेरे लिए तो यह योजना वरदान साबित हुई है। मुझे सरकारी सेवा से रिटायर्ड होने के कुछ दिनों के बाद ही केंसर जैसे रोग़ ने जकड़ लिया। मुझे ज़ब केंसर की गांठ के चलते 11 दिसंबर 2021 को किड़नी, युरेटर एवं यूरिन ब्लेडर का जॉइंट निकलवाने के 18 दिन बाद ही आंत का ऑपरेशन कराना पड़ा और करीब सवा महीने तक इंडोर पेशेंट के रूप में महात्मा गाँधी हॉस्पिटल, जयपुर में भर्ती रहना पड़ा। अस्पताल से छुट्टी के बाद भी डे केयर में मेरे करीब दस डायलिलिस हुए तथा वर्तमान में मेरी कीमो थेरेपी चल रही है ।साथ ही चिकित्सक से नियमित जाँच एवं दवाओं के लिए आउटडोर में परामर्श भी लेना पड़ता है।
मुझे इंडोर, डे केयर एवं आउटडोर की सम्पूर्ण प्रकिया में आर जी एच एस योजना के चलते किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई., बल्कि मेरे लिए तो यह योजना वरदान ही साबित हुई है, जिसने मेरा जीवन बचाया है । इलाज के दौरान मेरा सैकड़ों अन्य लाभार्थियों से भी संपर्क हुआ है और सभी आरजी एचएस को बहुत पसंद कर रहे है।साथ ही यह भी कह रहे है कि मेडिकल डायरी एवं ट्रेजरी में धक्के खाने से अब पीछा छूट गया है।

उन्होंने कहा कि यह समझ के परे है कि अब क्यों फिर से मेडिकल डायरी की मुसीबत लाभार्थियों के सिर पर डाली जाकर समस्त प्रक्रिया को बेवजह उलझाया जा रहा है।
तिवाड़ी ने कहा कि यह विचारणीय है कि जब सारी दुनिया पेपरलेस की ओर जा रही है तों हम वही पुरातनपंथी सोच लिए हुए अनावश्यक कागजी कार्यवाही में क्यों उलझने जा रहे है।

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित मेडिकल डायरी का प्रारूप आंशिक बदलाव के बाद भी लगभग वही पुराना है।जिसमें हर बार दवा लेते एवं जांच कराते समय आउटडोर के कैश बैलेंस की एंट्री करनी पड़ेगी और डॉक्टर, जाँच एवं फार्मेसी काउंटर के कर्मचारी का दुगना समय जाया होगा।
इसी प्रकार आवश्यकता होने पर ज़ब बीस हजार रु. की लिमिट बढ़वानी पड़ेगी तो उस अतिरिक्त लिमिट की राशी की प्रविष्टि भी डायरी में किसी अधिकृत प्राधिकारी द्वारा की जाएगी लेकिन उस प्रविष्टि का आधार क्या होगा...? समझ से परे है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में आउटडोर लिमिट बढ़वाने के लिए मेडिकल डायरी ट्रेजरी में प्रस्तुत करनी होती एवं सामान्यतया 30-40 डायरी इकट्ठा होने पर ट्रेजरी ऑफीसर जिला कलेक्टर को लिस्ट के साथ पत्रावली भेजते थे और कलेक्टर से अनुमोदन के पश्चात ही यह लिमिट बढ़ाई जाती थी। इस सब प्रक्रिया में कम से कम 15 से 30 दिन का समय बर्बाद होता था। साथ ही पेंशनर को तीन से चार बार ट्रेजरी के चक्कर काटने पड़ते थे।साथ ही सरकारी सिस्टम में ब्याप्त कुरीतियों का सामना अलग से करना पड़ता था।

तिवाड़ी ने बताया कि 20 हजार रु.की लिमिट शायद लगभग 10-12 वर्ष पूर्व निर्धारित की गई थी। तब से लेकर आज तक मंहगाई में दोगुणा से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।उन्होंने सुझाव दिया कि वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ से ही ओपीडी इलाज की लिमिट को बढ़ा कर कम से कम 50 हजार रु तक की जानी चाहिए,जिससे बार-बार लिमिट बढ़ाने की प्रकिया से पेशनर्स को मुक्ति मिल सके।
उन्होंने कहा कि ज़ब हर वित्तीय वर्ष की आउटडोर लिमिट देखने एवं उसे बढ़ाने की सुविधा आरजीएचएस पोर्टल पर उपलब्ध है तथा यह सुविधा अच्छी तरह से निर्विघ्न रूप से चल रही है तो फिर उन्हीं प्रविष्टियों का दोहराव मेडिकल डायरी में करवाकर विभाग कौनसा उद्देश्य हासिल करना चाहता है? यह निश्चित रूप से सभी के लिए परेशानी का सबब बनेगा।साथ ही इससे समय तथा कागज की बर्बादी भी होगी। कागज की बर्बादी हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचायेगी।

तिवाड़ी ने कहा कि ज़ब आउटडोर में दिखाने से पहले ओपीडी काउंटर पर कार्ड दिखा कर पर्ची निकलवानी होती है एवं उस पर्ची पर डॉक्टर आवश्यकता अनुसार दवा एवं जाँच लिखता है, तो फिर अब उन्ही सब दवा और जाँच आदि को मेडिकल डायरी में भी लिखना होगा।इससे डॉक्टर का भी दुगना समय नष्ट होगा।नतीजन अस्पताल में प्रवेश से लेकर दवा फार्मेसी एवं जांच कक्ष सहित सम्पूर्ण ओपीडी विभाग में मरीजों की भीड़, बीमारी के दर्द से कराहते वृद्ध लाभार्थियों को धक्कों के सिवाय कुछ हांसिल नहीं होने वाला।

इसी तरह ज़ब दवा फार्मेसी काउंटर द्वारा पोर्टल के माध्यम से लाभार्थी के अधिकृत मोबाइल पर ओटीपी आता है एवं ओटीपी बताने पर ही दवा उपलब्ध कराई जा रही है तो फिर डायरी से दवा लेते समय पेंशनर के स्वास्थ्य एवं अन्य वाज़िब कारणों के चलते फार्मेसी काउंटर पर उपस्थिति में सक्षम नहीं होने पर किसी अन्य परिजन द्वारा दवा लेने के लिए अलग से उसके हस्ताक्षर पेंशनर से प्रमाणित करवाने का क्या औचित्य है? यह भी बेवजह उन्हें परेशान करने एवं कागजी कार्यवाही तथा समय की बर्बादी ही है।

अब एक यक्ष प्रश्न यह भी है कि फिलहाल एक लाख डायरी छपवाने के सम्बंधित कार्य आदेश पर करीब 3.68 लाख रु का व्यय होने जा रहा है. जिसके अनुसार लगभग 4 लाख पेंशनर्स पर 15.00 लाख रु का अनावश्यक खर्च आएगा l चूँकि प्रारूप के अनुसार एक डायरी में लगभग 75 पृष्ठ होंगे अर्थात 4 लाख डायरियों में 3 करोड़ पृष्ठ के बराबर कागज बर्बाद होगा।इससे सरासर पैसे, कागज और समय की बर्बादी होंगी।

तिवाड़ी ने कहा कि यह मेडिकल डायरी आरजीएचएस को केवल जटिल ही बनाएगी नकि की सरल,जबकि सभी का प्रयास इस योजना को निरंतर और अधिक सर्व सुलभ व सरल बनाने का होना चाहिए।लगता है कि वर्तमान सिस्टम में कोई ऐसा तत्व प्रवेश कर गया है जो इस तरह से बजट का दुरूपयोग करवाकर मुख्यमंत्री की इस योजना में भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करने की हिमाकत कर रहा है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Who is destroying the Chief Minister ambitious plan RGHS
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: rghs, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, alwar news, alwar news in hindi, real time alwar city news, real time news, alwar news khas khabar, alwar news in hindi
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

राजस्थान से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved