जयपुर । अलवर के थानागाजी में विवाहिता के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एसपी राजीव प्रचार को राज्य सरकार ने एपीओ कर दिया है। इससे पहले एसपी राजीव प्रचार ने थानागाजी के एसएचओ सरदार सिंह को निलंबित कर दिया था। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले को लेकर पूरे ही थानागाजी थाने को जांच के घेरे में ले लिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डीजीपी कपिल गर्ग को खुद आगे होकर सफाई देनी पड़ी कि इस मामले का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन विपक्षी दल भाजपा ने तो इसे गहलोत सरकार का राजनीति का षडयंत्र करार दिया है। प्रदेश भाजपा का आरोप है कि 6 मई को दूसरे चरण का मतदान देखते हुए यह वारदात पुलिस वालों ने राज्य सरकार के इशारे पर दबाकर रखी। जैसे ही मतदान सम्पन्न हुआ यह वारदात सबसे सामने उजागर कर दी गई।
पुलिस ने इस मामले में अभी तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि सभी आरोपी ट्रक ड्राइवरी की काम करते है। पुलिस को दो आरोपियों के बारे में भी पुख्ता सबूत हाथ लगे है। एक आरोपी बानसूर, एक थानागाजी , और दो नारायणपुर के निवासी है।
बताया जा रहा है कि 30 अप्रैल को पीड़ित परिवार एसपी राजीव प्रचार से मिलने गया था, लेकिन फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ था। बाद में गुपचुप तरीके से 2 मई को सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ लेकिन पुलिस मामला दबाकर बैठी रही।
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