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अलवर। इंडोनेशिया में संपन्न हुए अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन और संगोष्ठी में अलवर के गौरी देवी राजकीय महिला महाविद्यालय की सहायक आचार्य ने योग पर शोध पत्र पढऩे पर सम्मानित किया गया। हिदू नेगेरी सुग्रीव यूनिवर्सिटी देनपसार बाली, इंडोनेशिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. मधुबाला मीना ने भाग लिया। संगोष्ठी में मधुबाला मीणा ने बताया कि योग भारत की देन है जिस पर चलकर पूरा विश्व हजारों वर्षों से स्वास्थ्य लाभ उठा रहा है।
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वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विज्ञान और तकनीक के अधिक विकास के बावजूद योग को और अधिक लोकप्रिय बनाया जाना चाहिए जिसको विद्यालय और महाविद्यालयों में अनिवार्य घोषित किया जाए। यह एक स्वस्थ्य रहने की जीवन शैली है जिस पर चलकर ही हम असाध्य बीमारियों से बच सकते हैं।
इस शोध पत्र पर इन्हें शॉल ओढ़ाकर और इंडोनेशिया सरकार की ओर से प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया। इंडोनेशिया के विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से इन्हें विशेष आमंत्रित सदस्य और वकता के रूप में सममानित किया।
इनकी पुस्तक भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण का विमोचन भी इंडोनेशिया में हुआ जिसका शीघ्र ही भारत में भी विमोचन होगा। इनकी इस उपलबिध पर अलवर में इनका अभिनंदन किया जाएगा। मधुबाला पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सममानित हो चुकी हैं।
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