अलवर। जिला कलेक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने आज प्रातः शहर का दौरा कर साफ-सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। जिला कलेक्टर ने शहर का दौरा रोड नम्बर 2 से प्रारम्भ किया जहां गुरूद्वारा के पास नाले में कचरा मिला, काशीराम चौराहे के पास जय कॉम्पलेक्स के पास बने सार्वजनिक शौचालय की दीवार टूटी हुई मिली।
जिला कलेक्टर को कालाकुआं चुंगी के पास प्राइवेट प्लॉट के पास कचरे का ढेर मिला। पुलिस लाइन रोड मालाखेडा गेट के बाहर नाली में कचरा मिला एवं कचरा व गंदगी मिलने पर नगर निगम आयुक्त को नाराजगी जाहिर कर निर्देश दिए कि कार्य योजना बनाकर तीन दिवस में इन स्थानों की साफ-सफाई, मरम्मत कराने के साथ यहां डस्टबिन लगाई जाए।
स्थानीय पार्षद व नागरिकों से समन्वय कर ऑटो टिपर के सुबह व शाम का कचरा संग्रहण का समय निर्धारित करें। नगर निगम के वाहन निर्धारित कचरा संग्रहण केंद्रों के अलावा अन्य स्थानों पर व नालों में कचरा डालते हुए पाए जाए तो उनका फोटो लेकर भिजवाए, उनके विरूद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने निर्देश दिये कि कालाकुआं चुंगी के पास प्राइवेट प्लॉट के कचरे की एक बार नगर निगम द्वारा पूर्ण सफाई कराई जाए तथा उसके बाद प्लॉट के मालिक को पाबंद करे कि यहां गंदगी नहीं होवे। उन्होंने यूआईटी की सचिव को निर्देश दिए कि शहर की साफ-सफाई हेतु नगर निगम का सहयोग कर संसाधन आदि उपलब्ध कराए।
जिला कलेक्टर ने अपने विगत सप्ताह के निरीक्षण के पश्चात शहर में लगे अभय कमाण्ड के तहत सीसीटीवी कैमरों से स्वयं ने एवं डीओआईटी की टीम के द्वारा निरन्तर मॉनिटरिंग कराई गई जिसमें उक्त गंदगी वाले स्थान सामने आए जिनका मौका निरीक्षण जिला कलेक्टर ने करके स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कैमरे द्वारा पकडे गए गंदगी वाले स्थानों के आसपास के निवासियों से कहा कि इस गंदगी की बिना शिकायत के कैमरों की मॉनिटरिंग से गंदगी देखकर आए हैं। इन जगहों को स्वच्छ रखने में अपना पूर्ण सहयोग करे।
जिला कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान शहर के नागरिकों से संवाद कर कहा कि कचरा संग्रहण पॉइंटों व डस्टबिन में कचरा न डालकर अपने मौहल्ले, अपने ही नालों में कचरा डालकर फैल रही गंदगी की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन व नगर निगम का सहयोग करे। उन्होंने कहा कि नगर निगम के द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिक अपने में से ही 30 से 50 घरों पर एक स्वयं सेवक नियुक्त करें जो स्वच्छता कार्य में सहयोग करें। साथ ही नगर परिषद के कार्मिकों से समन्वय कर ऑटो टिपर का समय निर्धारण करे। डस्टबिन व कचरा संग्रहण केंद्रों पर ही कचरा डाले।
कैरी बैग को उपयोग में लेना प्रतिबंधित है अतः इसे उपयोग में न लेवे।
उन्होंने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि कचरा पॉइंटों को दुरूस्त करावें। इन स्थानों पर डस्टबिन रखवाई जावे तथा वहां पर यह अंकित करावे कि कचरा डस्टबिन में ही डाले तथा उस क्षेत्र में ऑटो टिपर के आने के सुबह और शाम के समय को अंकित करावे। सार्वजनिक शौचालयों की मरम्मत कराने के साथ नियमित सफाई की जावे। उन्होंने कहा कि शहर की साफ-सफाई व्यवस्था की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है और धरातल की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए साप्ताहिक निरीक्षण किए जाएंगे।
इस दौरान यूआईटी की सचिव सुश्री धीगदे स्नेहल नाना, एडीएम प्रथम संजू शर्मा, एडीएम शहर बीना महावर, उपखण्ड अधिकारी अलवर जुईकर प्रतीक चन्द्रशेखर, नगर निगम आयुक्त युवराज मीणा, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियन्ता एम.एल मीना व अधिशाषी अभियन्ता अल्का व्यास, यूआईटी के अधिशाषी अभियन्ता योगेन्द्र वर्मा व कुमार संभव अवस्थी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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