अजमेर। कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन से बेरोजगार हुए युवा अपने व्यवसाय को पुनस्थापित कर सकें। साथ ही अन्य जरूरतमंद व्यक्ति भी स्वरोजगार से जुड़़ सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना की शुरूआत की। शहरी क्षेत्र में जरूरतमंद व्यक्ति स्वरोजगार स्थापित कर आसानी से अपनी आजीविका चला सकें। इसके लिए राज्य सरकार ने इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना लागू की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
योजना से विभिन्न सेवा क्षेत्र में कार्यरत 18 से 40 वर्ष के बेरोजगार युवाओं और स्ट्रीट वेंडर्स (उम्र की कोई बाध्यता नहीं) को आर्थिक संबल प्रदान किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत राज्य सरकार 50 हजार रूपये तक का बिना ब्याज ऋण बैंको के माध्यम से उपलब्ध करवा रही है।
अजमेर निवासी गुलाब गोलानी पु़त्र घनश्यामदास को इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत् 50 हजार का ऋण मिला है। गुलाब गोलानी ने बताया कि ठेला लगाकर अपना व्यापार करते है। वे कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से पूरी तरह बेरोजगार हो गये थे। उनका चश्में एवं बेल्ट का कारोबार भी बंद हो गया था। इसके कारण वे आर्थिक समस्या से जूझ रहे थे और एक समय पूरी तरह से निराश हो कर बैठ गया था। उस समय कोई भी रिश्तेदार बिना ब्याज पैसे नही दे रहा था और बैंक में भी बिना ब्याज ऋण नहीं मिल रहा था। ऎसे हालात में राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने यह योजना शुरू कर उनके जीवन को नई दिशा दी है।
इस योजना से बिना ब्याज के 50 हजार का ऋण मिल गया। जिसकी सहायता से चश्में एवं बेल्ट का काम वापस शुरू कर दिया। अब उनका चश्में एवं बेल्ट का व्यापार अपनी गति पकड़ चुका है। इस व्यापार के सहारे में अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढा रहे है।
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