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आरटीआई एक्टिविस्ट की पत्नी ने डीजीपी को लिखा पत्र-एनजीटी को शिकायत करने का सबक सिखाने के लिए पति और बेटे को अवैध रूप से जेल में डाला

RTI activist wife wrote a letter to DGP - To teach a lesson to complain to NGT on environmental violations, a fake case was registered against her husband and son and they were put in jail. - Ajmer News in Hindi

अजमेर। आरटीआई एक्टिविस्ट व पार्षद अशोक मलिक और उनके पुत्र ध्रुपद इन दिनों जेल में है। नगर निगम कमिश्नर की ओर से दर्ज एफआईआर में उनके खिलाफ आईटी एक्ट, साजिश जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अशोक मलिक ने अजमेर में अनासागर और कोटा रिवर फ्रंट विकास में पर्यावरण को हुए नुकसान को लेकर एनजीटी में शिकायत की थी। इस मामले में अशोक मलिक की पत्नी उजमा मल्होत्रा ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए न्याय की गुहार की है। एक्टिविस्ट की पत्नी ने अपने पत्र में कहा कि-मेरे पति अशोक मलिक व मेरे पुत्र ध्रुपद मलिक को थाना कोतवाली अजमेर द्वारा प्रथम सूचना संख्या 153/ 2023 अजमेर थाना पुलिस कोतवाली अपराध अन्तर्गत 170, 186, 120बी, 416, 419, 468, व 469 आई.पी.सी व 66 सी. 66डी आई टी एक्ट में गिरफ्तार किया गया है। यह एफआईआर अजमेर नगर निगम में आयुक्त सुशील कुमार यादव द्वारा करीब 5 माह बाद 6 नवंबर को दर्ज करवायी गयी और आरोप लगाया गया कि सुशील कुमार यादव के फोन नम्बर होना मिथ्या रूप से प्रदर्शित करते हुए मेरे पुत्र ने निगम के कर्मचारियों को फोन किए थे। यह फोन कमिश्नर सुशील कुमार द्वारा नहीं किए गए थे। परिवादी सुशील कुमार ने इन फोन के जरिए किसी की प्रकार का कोई कथन अंकित ही नहीं किया है बल्कि मात्र यह सम्भावना प्रकट की कि ऐसे फ़ोन कॉल्स का दुरुपयोग किया जाना भी संभव था। कथित घटना के 4 महीने व 12 दिन बाद तक एआईआर दर्ज कराने में हुई देरी का कोई लिंक या स्पष्टीकरण एआईआर में अंकित नहीं है। पुलिस दिनांक 06 नवंबर 23 को आकस्मिक रूप से सुबह 10.15 पर मेरे पति व पुत्र को थाने ले गयी और सूचना दी गई कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। परिवार वालों के पूछने के बावजूद पुलिस ने गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं बताया।इसके बाद पुलिस ने बिना वारंट दिखाए, हमारे पूरे घर की तलाशी ली गई। घर का सामान भी बिखेर दिया। बिना किसी कार्रवाई के पति का लैपटॉप, इंटरनेट राउटर, डीवीआर और अन्य सामान ले गए। इस वक्त मैं और मेरी बेटी अकेली थी, जिससे हम डर गए। बाद में बेटे का मोबाइल व लैपटॉप भी ले गए।
पत्नी ने इस पूरे मामले का आधार बताया कि उसके पति द्वारा स्मार्ट सिटी में किए गए कार्यों को लेकर आरटीआई लगाई गई थी और उसके आधार पर एनजीटी में शिकायत की थी। इस कारण मेरे पति अशोक मलिक व बेटे ध्रुपद मलिक की अवैध गिरफ्तारी की जा कर उनके संवैधानिक व मानव अधिकारों का हनन किया गया। अनुसंधान अधिकारी से यह पूछा जाना उचित व न्यायोचित है कि मेरे पति अशोक मलिक व बेटे धुपद मलिक की गिरफ्तारी की जानी क्यों आवश्यक थी?
अनुसंधान के कौन कौन से चरण के तथ्य सीसीटीएनएस पर किस किस दिनांक को कितने बजे अपलोड किये गए व पुलिस थाना कोतवाली परिवादी तथा अन्य सल्पित व्यक्तियों के मध्य इस बाबत आज तक निर्मित हुए एलेक्ट्रॉनिक संचार सर्किट को भी रिकोर्ड पर लिया जा कर सत्य का खुलासा किए जाने के आदेश प्रदान किए जाएं। साथ ही धारा 41-A सीआरपीसी व धारा 50-1 सीआरपीसी सपठित अनुच्छेद 22 के घोर उल्लंघन के दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्रशासनिक की जाए।

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Web Title-RTI activist wife wrote a letter to DGP - To teach a lesson to complain to NGT on environmental violations, a fake case was registered against her husband and son and they were put in jail.
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