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प्रॉपर्टी टैक्स टेंडर चौथी बार हुआ कैंसिल : अफसरों की हठधर्मिता से हाउस टैक्स कलेक्शन में पिछड़ा अजमेर

Property tax tender cancelled for the fourth time: Ajmer lags behind in house tax collection due to stubbornness of officers - Ajmer News in Hindi

अजमेर। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का शहर अजमेर नेताओं और अफसरों का सियासी अखाड़ा बन गया है। हालत यह है कि अफसरों की अदूरदर्शिता और हठधर्मिता के कारण अजमेर शहर हाउस टैक्स कलेक्शन में लगातार पिछड़ता जा रहा है। इसकी वजह यह है कि यूडी टैक्स सर्वे, टैक्स कलेक्शन और सॉफ्टवेयर आदि कामों का टेंडर चौथी बार कैंसिल हो गया है। बार-बार टेंडर करने और कैंसिल करने में खर्च होने वाली मोटी राशि का भार भी खजाने पर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक ताजा टेंडर इसलिए कैंसिल किया गया है, क्योंकि नेगोसिएशन के दौरान अजमेर नगर निगम के अफसर प्राइवेट कंपनी को अधिकतम 7 प्रतिशत राशि ही देना चाहते थे। इसमें वह कंपनी से अजमेर शहर की 1.25 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी का ड्रोन इमेजरी सर्वे, टैक्स कलेक्शन के लिए सभी 80 वार्डों में 80 लोग यानि प्रत्येक वार्ढ में एक कर्मचारी और कुछ समय बाद टैक्स कलेक्शन का सॉफ्टवेयर भी मांग रहे हैं। अजमेर शहर से टैक्स कलेक्शन की अनुमानित राशि करीब 10 करोड़ रुपए है। टेंडर में भाग लेने वाली कंपनी बार-बार अफसरों से 7 प्रतिशत राशि का जस्टिफिकेशन मांगती रही। लेकिन, अफसरों ने जस्टिफिकेशन बताने के बजाय टेंडर ही कैंसल कर दिया। एक्सपर्ट्स की मानें तो टेंडर के नेगोसिएशन के दौरान नगरीय निकाय अफसरों की ओर से दिया गया ऑफर अब एक तरह से गाइडलाइन का काम करेगा। अगर वे नया टेंडर भी करते हैं तो किसी भी कंपनी को 7 प्रतिशत वाले ऑफर से ज्यादा राशि नहीं दे पाएंगे। अन्यथा यह पूरा मामला भ्रष्टाचार के शक के दायरे में आ जाएगा। फिर नगर निगम से लेकर स्वायत्त शासन निदेशालय तक के अफसरों और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठेंगे।
नगर निगम को जानबूझकर राजस्व हानि पहुंचा रहे अफसरः
अजमेर के जन प्रतिनिधियों का कहना है कि अजमेर नगर निगम को अफसर अपने निजी स्वार्थों की खातिर जानबूझकर राजस्व हानि पहुंचा रहे हैं। क्योंकि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक प्रत्येक नगरीय निकाय को अपने निजी स्रोतों से राजस्व जुटाना होगा। जो निकाय यूडी टैक्स कलेक्शन को प्रभावी नहीं बनाएंगे, उनका अनुदान रोक दिया जाएगा। यही कारण है कि देश के अधिकांश नगरीय निकाय भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। जबकि शहर की सफाई व्यवस्था, कचरा कलेक्शन, कचरा निस्तारण, स्ट्रीट लाइट, पार्किंग, सीवर लाइन समेत तमाम तरह की व्यवस्थाओं की देखभाल के कारण उन पर भारी वित्तीय दबाव रहता है।
पूर्व मंत्री ने लगाए अफसरों पर पैसे मांगने के सीधे आरोपः
अजमेर शहर में एक रोचक वाक्या शुक्रवार 8 नवंबर, 2024 को उस समय सामने आया, जब जन सुनवाई के दौरान यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के सामने अजमेर दक्षिण विधायक औऱ पूर्व मंत्री अनीता भदेल बिखर पड़ीं। आनासागर झील पर गैस गोदाम को सील किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण के जोन आयुक्त न तो कागज देख रहे हैं और ना ही स्वीकृति। बल्कि जन प्रतिनिधि से फोन करवाने पर कहते हैं कि फोन करवाया है तो अब 50 हजार रुपए लगेंगे। अनीता भदेल ने मंत्री के सामने यहां तक कह दिया कि मैं पकड़कर उसकी पिटाई कर दूंगी। हालांकि इसके बाद उपायुक्त का जोन बदल दिया गया। लेकिन, सवाल यह है कि क्या जोन बदलने मात्र से भ्रष्ट अफसर ईमानदार बन जाएगा।

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Web Title-Property tax tender cancelled for the fourth time: Ajmer lags behind in house tax collection due to stubbornness of officers
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