जयपुर । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा
ने शुक्रवार को अजमेर जिले के कलक्ट्रेट सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा
बैठक ली। जिला कलक्टर अंश दीप ने जिले में संचालित योेजनाओं की प्रगति से
अवगत कराया।
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि
विभागीय योजनाओं में अधिकतम कार्य ऑनलाईन करने से कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि
हुई है। इसके साथ-साथ योजनाओं के लिए पात्र व्यक्तियों के डाटा जन आधार कार्ड एवं
अन्य राजकीय दस्तावेजों से सीधे उठाए जाएंगे। इससे त्रुटि की संभावना नगण्य हो गई
है। अभ्यर्थी को भी कार्यालय आने एवं हार्ड कॉपी में दस्तावेज देने की आवश्यकता
नहीं रहती। इससे ऑनलाईन सत्यापन के साथ समय पर स्वीकृति भी जारी की जा सकती है। इस
प्रकार के नवाचार से राज्य के लाभार्थियों को सुविधा होने के साथ ही अन्य राज्यों
के लिए भी प्रेरणादायक रहेंगे।
डॉ. शर्मा ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा की राशि स्वीकृत होने के पश्चात पोस्ट
ऑडिट भी की जानी चाहिए। किसी कारणवश जन आधार में रही गलती आगे भी लगातार जा सकती
है। किसी अपात्र व्यक्ति द्वारा गलत तरीके से पेंशन आदि लाभ लिए जाने की स्थिति
में रिकवरी के साथ-साथ एफआईआर भी दर्ज कराई जाए। पालनहार योजना में ऑटो अप्रूवल की
सुविधा आरंभ की गई है। पात्र बच्चों के नाम प्रो एक्टिव होकर चिन्हित किए जाए। इन
बच्चों के सरंक्षकों से संवाद स्थापित कर लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। इसे
अजमेर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भी लागू किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति में छात्र का जनआधार नम्बर डालते
ही पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। विद्यार्थियों से विभिन्न प्रमाण पत्र लेने के
स्थान पर उनके डिजिटल क्रमांक ही मांगे जा रहे है। दस्तावेज के क्रमांक भरते ही
सम्बन्धित कार्यालय के डाटा स्टोर से दस्तावेज स्वतः अटैच हो जाएंगे। ये सुविधा
अंकतालिका एवं फीस की रसीद पर भी लागू होगी। पीड़ित प्रतिकर योजना में भी इस
वित्तिय वर्ष के दौरान अब तक का सबसे अच्छा कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि विभाग के छात्रावासों को सर्वोत्तम बनाए जाने का
प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए समय-समय पर पर्यवेक्षण किया जाएगा। सरकार द्वारा
उपलब्ध कराए गए बजट का प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
छात्रावास का लुक और कार्मिकों की वर्किंग हॉस्टल को बेस्ट बनाएगी। छात्रावास में
उपलब्ध खेलकूद के सामानों का नियमित उपयोग होना चाहिए। अध्ययन में कम्प्यूटर तथा
ऑनलाईन सामग्री का भी पर्याप्त उपयोग किया जाए। भोजन की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान
रहे। वार्डन के विद्यालय में ही रहने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं रात्रिकालीन
अध्ययन सुनिश्चित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि विशेष योग्यजन ही समाज के वास्तविक वंचित व्यक्ति है।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए पॉर्टल बनाया जा रहा है। इससे प्रमाणन का कार्य
ऑनलाईन होगा। प्रमाण पत्र बनते ही स्वतः पेंशन भी आरंभ हो जाएगी। इसी प्रकार
सिलिकोसिस के पेंडिंग प्रमाण पत्र भी बनवाए जाएंगे। इसके प्रमाणन की प्रक्रिया
ऑनलाईन करके सरल किया जाएगा। ऑनलाईन ही एक्स-रे आदि भेजने पर प्रमाण पत्र बन
जाएगा। इससे मिलने वाले समस्त लाभ भी स्वतः ही मिल जाएंगे।
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