अजमेर। शहर एवं पैराफेरी गांवों की गरीब बस्तियों के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले हजारों बच्चों को अब नंगे पैर स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। अजमेर शहर एवं आसपास के करीब 16 हजार से अधिक बच्चों को अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से पहनने के लिए जूते दिए जा रहे हैं। बच्चों को स्वास्थ्य एवं बेहतर शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए फाउंडेशन द्वारा यह अभिनव शुरुआत की गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अक्षयपात्र फाउंडेशन एवं शिक्षा विभाग द्वारा पदवेश वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी एवं संसदीय सचिव सुरेश रावत ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में किया। कार्यक्रम में प्रो. देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का प्रयास है कि बच्चों को स्कूली स्तर पर ही इस तरह का परिवेश मिले कि भविष्य में वे देश के सुयोग्य नागरिक बन सकें।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य में सरकारी स्कूलों में अगले सत्र से गणवेश में भी परिर्वतन किया जा रहा है। नई गणवेश सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को और अधिक पसंद आएगी। साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 13 लाख विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है। इस साल दस लाख नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह साबित करता है कि राजस्थान में शिक्षा की तस्वीर बदल रही है।
इस मौके पर संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, अक्षयपात्र फाउंडेशन के रघुपति दास, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बी.एल. चौधरी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
देवनानी एवं रावत ने पहनाए बालिकाओं को जूते
पदवेश वितरण कार्यक्रम के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी एवं संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत ने बालिकाओं को अपने हाथों से जूते पहनाए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में कन्या सदैव से पूजनीय रही है।
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