तरनतारन। एक दौर था जब सड़कों पर नियम तोड़ना आम बात थी और ट्रैफिक चालान कटवाने के बाद सिफारिशों की बाढ़ आ जाती थी। लेकिन वक्त बदल चुका है — और तरन तारन की ट्रैफिक पुलिस ने अब तकनीक की ताक़त से व्यवस्था में अनुशासन की नई इबारत लिखनी शुरू कर दी है।
तरन तारन के सिटी ट्रैफिक इंचार्ज एएसआई बिक्रमजीत सिंह ने जानकारी दी कि पहले ट्रैफिक चालान बुक सिस्टम पर निर्भर थे, और अक्सर लोग जान-पहचान या सिफारिश के जरिए मामले को दबाने की कोशिश करते थे। लेकिन अब परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
"अब हमें किसी को रोकने की ज़रूरत नहीं पड़ती," उन्होंने कहा। "डिजिटल चालान मशीनें हमारे पास हैं, और यदि कोई नियम तोड़ता है तो ऑनलाइन चालान सीधे वाहन मालिक के मोबाइल पर भेज दिया जाता है।"
एएसआई बिक्रमजीत सिंह ने साफ तौर पर बताया कि जब सिस्टम पारदर्शी होता है तो सिफारिशें भी अप्रासंगिक हो जाती हैं। अब चालान करने वाले अफसर पर न तो कोई दबाव है और न ही कोई व्यक्तिगत हस्तक्षेप। सब कुछ रजिस्ट्रेशन नंबर, समय और स्थान के आधार पर डिजिटल रूप से रिकॉर्ड हो जाता है।
ट्रैफिक इंचार्ज के अनुसार, इस डिजिटल सिस्टम की वजह से शहर में ट्रैफिक नियमों के पालन में सुधार देखने को मिल रहा है। लोग अब सतर्क हो गए हैं क्योंकि उन्हें पता है कि गलती करने पर अब बहाने या सिफारिशें काम नहीं आएंगी।
नागरिकों से अपील : ट्रैफिक इंचार्ज ने यह भी कहा कि तकनीक ने भले ही प्रक्रिया को सरल बना दिया हो, लेकिन नियमों का पालन करना अब भी हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। "हमारे जवान धूप, बारिश और धूल में दिनभर ड्यूटी करते हैं ताकि सड़कें सुरक्षित रहें। यदि लोग ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से लें, तो हादसे भी कम होंगे और व्यवस्था भी बेहतर होगी।"
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