संगरूर। पंजाब के संगरूर जिले के सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं अपनी स्थिति पर सवाल खड़े कर रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में चल रहे सरकारी अस्पताल की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है, जिससे मरीजों को इलाज में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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ओपीडी में लंबी कतारें, डॉक्टर और स्टाफ की कमी
अस्पताल में सुबह होते ही ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं। मरीजों को डॉक्टर से मिलने और जांच करवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। जब डॉक्टर टेस्ट के लिए मरीजों को निर्देशित करते हैं, तो मरीजों को एक और लंबी कतार का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि जब वे अपना नंबर पाते हैं, तो स्टाफ कहता है कि टेस्ट 12 बजे होगा और अगर आज नहीं हो पाता तो कल किया जाएगा।
अस्पताल में स्टाफ और सफाई की कमी
हरिंदर पाल सिंह खालसा ने अस्पताल की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी है, जो मरीजों को उचित सेवाएं देने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से नहीं है, हालांकि एसएमओ डॉ. बलजीत ने सफाई की स्थिति में सुधार करने की कोशिश की है।
एसएमओ की अपील और समाधान
एसएमओ डॉ. बलजीत ने अस्पताल में सफाई व्यवस्था सुधारने की दिशा में कदम उठाए हैं और साथ ही उन्होंने मरीजों से अपील की कि वे अपने खाने के कचरे को कूड़ेदान में डालें ताकि सफाई में और सुधार हो सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अस्पताल की लैब में जांच का समय 24 घंटे किया जाना चाहिए ताकि सभी मरीजों की जांच आसानी से हो सके।
पंजाब सरकार पर दबाव
अब सवाल यह है कि पंजाब सरकार कब तक डॉक्टरों और स्टाफ की कमी को पूरा करेगी और संगरूर के सरकारी अस्पताल की बिगड़ी हुई स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाएगी। यह अस्पताल मरीजों के लिए भारी परेशानी का कारण बन गया है, और इसका समाधान शीघ्र होना आवश्यक है।
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