चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने संगरूर जिले में धर्मग्रंथ की बेअदबी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को विभाजित करने की कोशिश करने वाली विभाजनकारी ताकतें एक बार फिर अपना सिर उठा रही हैं।
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मुख्यमंत्री ने शनिवार को हथोआ गांव में सिखों के पवित्र धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति जलाए जाने के लिए जिम्मेदार तत्वों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जान बूझकर किया गया यह घृणित कृत्य उन्हीं घटनाओं की कड़ी का हिस्सा है जो राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले हुई थीं।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि यह साफ है कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के धर्मनिरपेक्ष और शांतिपूर्ण ताने-बाने को तहस-नहस करने की कोशिश करने वाली ताकतें एक बार फिर लोकसभा चुनाव में सिख मतों को अपने पक्ष में करने के लिए इनका ध्रुवीकरण कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि शनिवार की घटना आम चुनाव में मतदान से कुछ पहले हुई हैं और साफ है कि ध्यान सिख मतों पर है लेकिन यह रणनीति 2017 में असफल रही थी और इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को सभी धर्मस्थलों और इनके आस-पास सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया है। पंजाब में 19 मई को मतदान होना है।
(IANS)
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