चंडीगढ़। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खि़लाफ़ चल रही मुहिम के दौरान जनवरी महीने में रिश्वत लेने के 11 अलग -अलग तरह के मामलों में 15 कर्मचारी गिर तार किये गए जिनमें 5 पुलिस कर्मचारी और राजस्व विभाग के 3 कर्मचारी शामिल हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह खुलासा करते हुए चीफ़ डायरैक्टर-कम-एडीजीपी विजीलैंस ब्यूरो पंजाब बी. के. उप्पल ने बताया कि ब्यूरो द्वारा सरकारी कर्मचारियों और अन्य क्षेत्रों में से भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए पूरी कोशिश जारी है। इस दिशा में निगरान अधिकारियों ने यह यकीनी बनाया कि दोषी व्यक्ति राज्य की अदालतों में से सज़ा से बच न सकें।
उन्होंने कहा कि ब्यूरो ने पिछले महीने विभिन्न विशेष अदालतों में 12 विजीलैंस मामलों से स बन्धित चालान पेश किये। इसके अलावा भ्रष्टाचार स बन्धी एक केस की गहराई के साथ जांच करने के लिए एक विजीलैंस जांच भी दर्ज की गई है और विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि पिछले समय के दौरान ब्यूरो द्वारा दर्ज और पैरवी किये गए दो रिश्वतख़ोरी के मामलों का फ़ैसला विशेष अदालतों ने किया है।
जिसमें छह दोषियों सरबदयाल सिंह, पी.ए. पूर्व मंत्री गुलजार सिंह रणीके, अमरीक सिंह, दलीप सिंह, निन्दर सिंह सरपंच, मोहित सरीन और मनिन्दर सिंह दोनों बैंक कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए उनको 6 साल से 4 साल तक की कैद और 2,30,000 रुपए से लेकर 30,000 रुपए तक के जुर्माने की सज़ा अतिरिक्त सैशन जज, अमृतसर द्वारा सुनाई गई है।
इसी तरह तरन तारन जि़लेे में तैनात सुखदेव सिंह, पटवारी को अतिरिक्त सैशन अदालत तरन तारन ने दोषी ठहराते हुए भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 3 और 4 साल की कैद की सज़ा और 5,000 रुपए जुर्माना किया गया है।
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