चंडीगढ़। राज्य में पौष्टिक भोजन की उपलब्धता को यकीनी बनाने हेतु पंजाब सरकार द्वारा रेस्टोरेंट, फास्ट फूड काउंटरों, होटलों और ढाबा मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह फूड सेफ्टी और स्टैंडरडज़ अथॉरटी ऑफ इंडिया (एफ.एस.एस.ए.आई.) के तय मानकों के अनुसार ही खाद्य तेल का प्रयोग करें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि तेल को बार बार तलने और गर्म करने के साथ इसकी पौष्टिकता और विशेषताएं में काफ़ी गिरावट आ जाती है जिस द्वारा बने भोजन का मानक खाने योग्य नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि इसलिए यह ज़रूरी है कि खाना बनाने के लिए घटिया तेल के प्रयोग को रोकने के लिए तेल की गुणवत्ता का निरीक्षण किया जाये। उन्होंने बताया कि यहाँ खाद्य तेलों के फिर प्रयोग एवं गर्म करने संबंधी नियम और हिदायतें जारी की गई हैं जिनकी पालना यकीनी तौर पर की जानी चाहिए।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि एफ.एस.एस.ए.आई. द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार खाद्य तेल की टोटल पोलर कम्पाउंड (टी.पी.सी.) के लिए हद अधिक से अधिक 25 प्रतिशत होनी चाहिए और इसके बाद खाद्य प्रयोग योग्य नहीं रहता। उन्होंने बताया कि संबंधित भाईवालों से प्राप्त टिप्पणियाँ को विचारने के बाद इन मानकों को निश्चित किया गया है और यह 1 जुलाई, 2018 से लागू किये जा चुके हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा ‘मिशन तंदुरुस्त पंजाब’ मुहिम के अंतर्गत राज्य में मिलावटी खाने की बिक्री पर रोक लगाने के लिए अचनचेत चैकिंगें और छापे मारे जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि व्यापारिक प्रयोग के लिए भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते खाद्य तेलों की गुणवत्ता और मानक की चैकिंग के लिए जि़ला अथॉरिटी को निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope