चंडीगढ़ । पंजाब
के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि
राज्य सरकार की तरफ से जल्द ही प्राईवेट अस्पतालों में कोविड के इलाज के
खर्चे निर्धारित किये जाएंगे। उन्होंने प्राईवेट अस्पताल के प्रबंधकों को
संकट की इस घड़ी में कोविड -19 के मरीज़ों के इलाज के लिए तर्कसंगत और
वाजिब खर्च किए तय करने की अपील की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि कोविड संकट के कारण
पैदा हुए इन अनिर्धारित हालत में प्राईवेट अस्पताल के प्रबंधकों और
प्रमोटरों समेत हरेक की समाज के प्रति जि़म्मेदारी बनती है। उन्होंने
उम्मीद ज़ाहिर की कि प्राईवेट अस्पताल समय की नज़ाकत को समझते हुये कोविड
-19 के मरीज़ों से हद से अधिक पैसे नहीं वसूलेंगे जिसकी बड़े स्तर पर
रिपोर्टें सामने आईं हैं।
स. सिद्धू ने श्री गुरु रामदास चैरिटेबल
अस्पताल ट्रस्ट, अमृतसर की तरफ से एक ताज़ा ऐलान का हवाला दिया जिसमें इस
अस्पताल की तरफ से कोविड के इलाज के लिए ए.सी. कमरों को साझा करने के लिए
सात दिनों के पैकेज के लिए 50,000 रुपए की दर निर्धारित की गई है, जबकि नॉन
-इसी कमरों के लिए सात दिनों के लिए यह दर 35,000 रुपए है और ज़रूरत पडऩे
पर वेंटिलेटर ख़र्च सिर्फ 6000 रुपए प्रति दिन है।
मंत्री ने बिना किसी
प्राईवेट अस्पताल का नाम लिए कहा कि इसके मुकाबले कुछ प्राईवेट अस्पताल
मरीज़ों से प्रति दिन 30,000 से 50,000 रुपए चार्ज कर रहे हैं जो स्वीकार्य
नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर एक अस्पताल एक हफ़्ते के लिए 50,000 रुपए
में इलाज प्रदान कर सकता है तो दूसरा अस्पताल एक दिन के 30,000 रुपए कैसे
वसूल सकता है?
यह उम्मीद करते हुये कि प्राईवेट अस्पताल समय की नज़ाकत
को समझते हुये मरीज़ों से वाजिब पैसे वसूलेंगे और सरकार को सहयोग देंगे,
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इलाज के खर्चे तय करने संबंधी अंतिम फ़ैसला एक
या दो दिनों के अंदर लिया जायेगा। उन्होंने दोहराया कि सरकार का प्राईवेट
अस्पतालों को नुकसान पहुँचाने का कोई इरादा नहीं है, परन्तु इसके साथ ही
सरकार बेबस और मजबूर मरीज़ों की अंधाधुन्ध लूट की इजाज़त नहीं दे सकती।
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