इसके अलावा उप-डिविजऩल मैजिस्ट्रेट और सम्बन्धित डिप्टी सुपरीडैंट
ऑफ पुलिस (डी.एस.पी.) मिलकर अपने क्षेत्र का दौरा करें और इस मुद्दे की
गंभीरता संबंधी लोगों को अवगत करवाएं और अपने अधिकार क्षेत्र में सभी
बोरवैल्लों को ढक़ने को यकीनी बनाएं। नगर निगम संस्थाओं के कार्यकारी
अधिकारी/कमिश्नर सभी काऊंसलरों से बातचीत करें जिससे आगे इस समस्या संबंधी
अपने इलाके के लोगों को जागरूक करें और इस सम्बन्धी अपेक्षित कार्यवाही
करें।
पंजाब जल स्रोत और विकास निगम (ट्यूबवैल कॉर्पोरेशन) और पंजाब
ग्रामीण जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग, जो भूमिगत जल की सप्लाई और सिंचाई
की स्कीमें चला रहे हैं, को अपने ग़ैर-प्रयोग वाले बोरवैल्लज़ अगर कोई हों,
को एक महीने के अंदर बंद करें।
तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत
यह प्रस्ताव दिया गया है कि एक महीने के अंदर-अंदर ऐसे बोरवैल्ल बंद न करने
वाले व्यक्तियों के खि़लाफ़ आपराधिक कार्यवाही की जाये। ऐसे बोरवैल्लों के
कारण किसी भी तरह का हादसा होने पर ऐसे व्यक्तियों के खि़लाफ़ एफ.आई.आर.
दर्ज करके भारतीय दंड नियमावली की विभिन्न धाराओं के अधीन ज़मीन के मालिक
को जुर्माना भी लगाया जाये।
पत्र के अनुसार, एक महीने की समय-सीमा
के बाद मिशन तंदुरुस्त पंजाब एक इश्तिहार देगा जिसमें आम जनता को छोड़े
हुए/खुले पड़े बोरवैल्लों संबधी जानकारी देने के लिए कहा जायेगा जो अभी तक
बंद नहीं किये गए हैं। ऐसी जानकारी देने वाले व्यक्ति द्वारा दी जानकारी को
तस्दीक करने के बाद 5000/- रुपए का ईनाम दिया जायेगा। इस सम्बन्धी रिर्पोट
मिशन डायरैक्टोरेट द्वारा एक महीने में माँगी गई है।
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