चंडीगढ़। स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने निजी स्कूलों में किताब और फंडों के नाम पर हो रही लूट रोकने के लिए शिक्षा मंत्री टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें उस जिले के तीन- तीन प्रिंसिपलों को शामिल किया गया है। यह टास्क फोर्स शिक्षा मंत्री को प्राप्त शिकायत की जांच का काम करेगी और अपनी रिपोर्ट रेगुलेटरी अथॉरिटी को सौंपेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वीडियो संदेश में शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहाकि बीते कई दिनों से निजी स्कूलों में किताबों/कॉपियों और अलग-अलग फंडों के नाम पर लूट करने की शिकायतें मिल रही थीं। इस सम्बन्धी कुछ दिन पहले राज्य के समूह ज़िला शिक्षा अफ़सरों के द्वारा निजी स्कूलों को एक पत्र जारी करके स्कूल रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरफ से किताबों/कापियों और फीस/फंडों सम्बन्धी हिदायतों की पालना करने के लिए कहा गया था।
उन्होंने बताया स्कूलों की तरफ से की जा रही लूट सम्बन्धी शिकायत मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी मिली हैं। जिनका मुख्यमंत्री ने गंभीर नोटिस लेते हुये हिदायत की कि महंगे प्रकाशकों की किताबें लगा कर निजी स्कूलों की तरफ से की जाती लूट को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैंस ने कहा कि उनको यह जानकर बहुत हैरानी हुई है कि निजी स्कूलों की तरफ से एक क्लास की किताबें ही 7000 रुपए में की बेची जा रही हैं। जिनमें पहली कक्षा के गणित विषय की किताब ही 600 रुपए की है। स्कूल शिक्षा मंत्री की तरफ से निजी स्कूलों के मालिकों और मैनेजमैंटों को हिदायत की कि वह स्कूलों में सिर्फ़ एनसीईआरटी की ही किताबें लगाएं।
बैंस ने कहा कि नियमानुसार छोटे शहरों में स्थित स्कूल को 3 से 5 दुकान के नाम स्कूल के बाहर लिख कर लगाने होते हैं। बड़े शहरों, जैसे लुधियाना, जालंधर और अमृतसर आदि भी 20-20 दुकानों की लिस्ट स्कूल के बाहर लगानी होती है जहाँ से विद्यार्थी किताब खरीद सकें। उन्होंने इस मौके पर emofficepunjab@gmail.com ईमेल भी जारी की। विद्यार्थी और माता-पिता निजी स्कूलों की तरफ से की जा रही लूट की शिकायत सीधे तौर पर शिक्षा मंत्री को कर सकते हैं।
उन्होंने समूह निजी स्कूलों के प्रबंधकों को हिदायत की कि वह 30 अप्रैल, 2023 तक नियमानुसार स्कूल की तरफ से की गयी फीस/ फंडों की वृद्धि, स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर सम्बन्धी जानकारी भरकर जमा करवाएं। निजी स्कूलों की तरफ से जमा करवाई गई जानकारी की औचक जांच भी करवाई जाएगी। बैंस ने कहा कि सरकार शिक्षा को व्यापार नहीं बनने देगी। हर काम कानून और नियमों अनुसार होगा और इनका उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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