नई दिल्ली / चंडीगढ़ ।सुप्रीम कोर्ट
ने गुरुवार को पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को तीन दशक
पुराने बलवंत सिंह मुल्तानी हत्याकांड में अग्रिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यदि पुलिस सैनी को
गिरफ्तार कर लेती है, तो उसे दो जमानती के साथ 1 लाख रुपये के निजी मुचलके
पर जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सैनी को हत्या के
मामले की जांच में सहयोग करना होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट ने सैनी को अपना
पासपोर्ट जमा करने के लिए भी कहा और उन्हें कथित हत्या के मामले में
गवाहों से दूर रहने का भी निर्देश दिया गया है।
इससे पहले सुप्रीम
कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा था कि वह सैनी के खिलाफ नए मामले दर्ज न करे
और उसके खिलाफ 1991 में एक जूनियर इंजीनियर बलवंत सिंह मुल्तानी की कथित
हत्या के मामले में एक नई एफआईआर दर्ज करने की मांग करें।
सैनी का
प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ऐसा लगता है कि हर
दिन उनके मुवक्किल को एक नए मामले को चुनौती देनी होगी।
रोहतगी ने
कहा, "अब मेरे मुवक्किल से कहा गया है कि तीसरा मामला दर्ज किया गया है।
राज्य की ताकत के खिलाफ एक आदमी कैसे लड़ सकता है। प्रतिशोधकर्ता (वर्तमान
मुख्यमंत्री) को रोकने की जरूरत है। अनुमोदनकर्ता के बयान पर जांच क्यों
जारी रह सकती है। राज्य मेरे साथ अन्याय कर रहा है।"
हाईकोर्ट ने सितंबर में कथित हत्या के मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए सैनी की याचिका खारिज कर दी थी।
साल
1991 में चंडीगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे सैनी पर आतंकवादी हमले के
बाद मोहाली के निवासी मुल्तानी को पुलिस ने पकड़ लिया था। बाद में, पुलिस
ने दावा किया कि मुल्तानी पुलिस हिरासत से भाग गया था।
सैनी पर इस
मामले में छह अन्य लोगों के साथ मोहाली के एक पुलिस स्टेशन में मई में
मामला दर्ज किया गया था और अगस्त में दो आरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा घटना
का विवरण देने के बाद हत्या का आरोप जोड़ा गया था।
--आईएएनएस
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