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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ठोस तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए अच्छे प्रशासन के सूचक अंक (जीजीआई) संबंधी हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट संबंधी अकाली प्रधान सुखबीर बादल द्वारा भ्रामक जानकारी फैलाकर लोगों के साथ विश्वासघात करने के लिए उसको आड़े हाथों लिया, जबकि यह आंकड़े वास्तव में शिरोमणि अकाली दल-भाजपा के कार्यकाल के दौरान बुरे शासन का नतीजा हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य के बारे में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख की घोर अज्ञानता के लिए उस पर बरसते हुए कहा "अकाली दल ने अपनी गठजोड़ भाजपा के साथ मिलकर अपने 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान अपनी नीतियों के साथ हर एक स्तर पर राज्य की तरक्की को नुकसान पहुंचाया।"
भारत सरकार द्वारा 25 दिसंबर को जारी की गई जीजीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए गए आंकड़े वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 से सम्बन्धित हैं जब पंजाब में अकालियों और भाजपा की गठबंधन की सरकार थी।
कैप्टन अमरिन्दर ने आगे कहा कि गंभीर और जि़म्मेदार शासन में शामिल कोई भी व्यक्ति जानता है कि तरक्की के सूचक-अंक एक समय के साथ विकसित होते हैं और विकास सम्बन्धी किसी भी तरह के आंकड़े अगली रिपोर्टों में दर्शाए जाते हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चुटकी लेते हुये कहा ‘परन्तु सुखबीर यह नहीं जानता और इस तरह लगता है कि उसको जिम्मेदारी और अच्छे प्रशासन का मतलब ही नहीं पता।’
राज्य में उद्योगों की प्रगति और कारोबार को आसान बनाने सम्बन्धी सुखबीर के झूठों को खारिज करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिपोर्ट 2014-15 के आंकड़ों पर आधारित है। कारोबार करने को आसान बनाने सम्बन्धी प्रयास 2017 में शुरू किए गए थे जिस समय नई बनी सरकार के अधीन इस सेक्टर में तबदीलियां अभी भी जारी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा "मौजूदा सरकार की निंदा करने की जल्दबाजी में सुखबीर ने बयान देने से पहले स्पष्ट तौर पर मूलभूत तथ्यों की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री जमीनी हकीकत से हमेशा कोसों दूर रहे हैं जिनके बयानों का तथ्यों और आंकड़ों के साथ दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राज्य के हरके क्षेत्र को बर्बाद करते हुए पंजाब को तहस-नहस कर दिया और सामाजिक, आर्थिक और प्रगति के अन्य मापदण्डों पर राज्य को औंधे-मुँह धकेल दिया।
सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार की बुरी नीतियाें को देखते हुये लोगों ने 2017 के चुनाव और उसके बाद के सभी चुनावों में अकालियों को सबक सिखाया। सुखबीर और उसके साथियों ने अपनी गलतियों से स्पष्ट तौर पर कोई सबक नहीं सीखा था और यह समझते रहे कि वह अपने भ्रामक बयानों और झूठ और धोखे से एक बार पंजाब के लोगों मूर्ख बना लेेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परन्तु ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि लोग सुखबीर की समझ से कहीं ज्य़ादा समझदार और पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने कहा ‘‘लोग विकास और प्रगति चाहते हैं न कि धोखा और खोखले वादे।’’
रिपोर्ट में इस्तेमाल किए गए आर्थिक प्रशासन सम्बन्धी आंकड़ों सम्बन्धी बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह 2016-17 से सम्बन्धित हैं जोकि पुरानी अकाली -भाजपा सरकार के अधीन प्रगति के नतीजे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यहाँ तक कि समाज भलाई और विकास, जन्म के समय लिंग अनुपात, स्वास्थ्य बीमा कवरेज और अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण सम्बन्धी दर्शाए गए आंकड़े पिछली सरकार से सम्बन्धित हैं।
जहाँ तक कृषि और सहायक धंधों का सम्बन्ध है, 0.1 कम वेटेज वाले एक संकेत को छोड़कर सभी संकेतों के लिए आंकड़े 2015 -16 और 2016 -17 से लिए गए हैं, जब कांग्रेस सरकार सत्ता में नहीं थी।
सार्वजनिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित मातृ मृत्युदर, नवजात शिशु मृत्युदर और टीकाकरण प्राप्तियों सम्बन्धी आंकड़े 2014 -2017 तक के समय से सम्बन्धित हैं।
उन मामलों में जहाँ मौजूदा व्यवस्था से सम्बन्धित समय से आंकड़े लिए गए हैं, सूचकांक या तो मुख्य मापदण्डों पर हुई प्रगति को दर्शाते हैं या अगली रिपोर्ट में अच्छी तब्दीली की उम्मीद करते हैं क्योंकि मौजूदा सरकार ने इन मसलों के सुधार के लिए प्रयास सक्रियता से लागू किए हैं जिनके नतीजे आने वाले समय में दिखाई देंगे। मुख्यमंत्री ने उदाहरण के तौर पर बताया कि मानव संसाधन विकास में पंजाब ने उच्च दर्जा हासिल किया है जिसके लिए मानक शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और प्लेसमेंटस से सम्बन्धित आंकड़े 2017 के बाद लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सुखबीर ने उनकी सरकार की निंदा करने की बजाय थोड़ा समय रिपोर्ट पढ़ने पर लगाया होता तो वह एक बार फिर झूठा और धोखेबाज कहलवाने से बच जाता, जिसका एजेंडा सिर्फ मौजूदा सरकार पर निराधार दोष लगाना है।
मुख्यमंत्री ने आलोचना करते हुये कहा कि बीते कुछ सालों के दौरान सुखबीर और उसके परिवार ने पुराने और सम्मानित अकाली दल को लगातार अपनी बुरी नीतियों से ऐसी पार्टी बना दिया है जिसकी कोई विचारधारा नहीं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्होंने अपनी पार्टी का इसी तरह मज़ाक बनाना बंद न किया तो वह दिन दूर नहीं जब शिरोमणि अकाली दल का पंजाब के सत्ता के अखाड़े में से बिल्कुल सफाया हो जायेगा।
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