चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के गेट पर जानलेवा हमला हुआ था। उन पर नारायण सिंह चौरा नाम के एक व्यक्ति ने गोली चलाई।
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हमले में सुखबीर सिंह बादल बाल-बाल बच गए। इसके बाद पंजाब पुलिस के जवानों ने हमलावर को दबोच लिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब पुलिस के त्वरित एक्शन की तारीफ की है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने इस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार की ही सराहना कर सकते हैं, भगवंत मान और क्या कहेंगे। पुलिस दो दिन से आरोपी पर नजर बनाए हुए थी, लेकिन पुलिस की नाकामी के कारण हरि मंदिर साहिब के बाहर गोली चली।
राजा वारिंग ने इस घटना को गुरुद्वारे में घटित एक अपराध बताया और मुख्यमंत्री से पूछा कि इस पर वे प्रशंसा कैसे कर सकते हैं। पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री और अकाली दल नेता बिक्रमजीत मजीठिया द्वारा आरोपी के पूर्व मंत्री सुखजिंदर रंधावा के करीबी रिश्तेदार होने के बयान पर वारिंग ने कहा कि अगर किसी का भाई या कोई और हमला करता है, तो उसका सुखजिंदर रंधावा से क्या संबंध है?
सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त की तरफ से धार्मिक सजा सुनाई गई है। अकाल तख्त की तरफ से जब सिख समुदाय से जुड़े किसी शख्स को सजा सुनाई जाती है, तो वह उसे माननी पड़ती है।
अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल पर 2007 से लेकर 2017 तक सत्ता में रहते हुए धार्मिक गलतियां करने के आरोप में सजा सुनाई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में मदद की थी। उन्होंने राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया था।
इसके अलावा, उन पर पंथ के साथ गद्दारी करने का आरोप है।
--आईएएनएस
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